Connect with us

उत्तराखंड

*गैर इरादन हत्या के वाद- में 9 साल बाद दोष मुक्त* *वरिष्ठ अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा की दमदार दलीलों के चलते मिला इंसाफ*

हल्द्वानी। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट / प्रथम अपर सिविल जज (जू०डि०) गुलिस्तां अंजुम की अदालत ने अभियुक्त धर्मवीर को घारा 279, 304ए एवं 338 भारतीय दण्ड संहिता-1860 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोपों से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया।

मामले के अनुसार केदार सिंह रावत अध्यापक के गैर इरादन हत्या अपराध के लिए थाना हल्द्वानी में दिनांक 3-5- 2016 को मुकदमा पंजीकृत होने के बाद जांच अधिकारी द्वारा अपनी विवेचना में धर्मवीर के विरुद्ध अंतर्गत धारा 279 ,338, 304 ए भारतीय दंड संहिता का मुकदमा पंजीकृत कर तमाम विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।

न्यायालय में अभियोजन की ओर से अपने पक्ष को सिद्ध करने के लिए 9 गवाहों को पेश किया गया। अभियुक्त की ओर से पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन सिंह मेहरा एडवोकेट द्वारा गवाहों के बयानों में अत्यधिक विरोधाभास लाने तथा न्यायालय  अपर सिविल जज प्रथम के न्यायालय में जोरदार बहस और अपने पक्ष रखना के आधार पर अपर सिविल जज प्रथम गुलिस्ता अंजुम द्वारा अभियुक्त धर्मवीर को 9 साल बाद लंबी लड़ाई के उपरांत दोष मुक्त कर दिया।

Ad Ad Ad Ad Ad

More in उत्तराखंड