Connect with us

उत्तराखंड

*नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में देने का विरोध तेज*

नैनीताल। लगातार प्रबंधन की उपेक्षा और बैंक के विनिवेश के नाम पर बैंक को निजी हाथों में देने के षड्यंत्र के विरोध में नैनीताल बैंक के अधिकारी और कर्मचारी कामकाज के दौरान हाथों में काली पट्टी बांधकर तथा कार्य समाप्ति पर शाखाओं के बाहर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से नैनीताल बैंक के कर्मचारी नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में दिए जाने की बजाय लगातार नैनीताल बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने की माँग कर रहे है। लोकसभा की याचिका समिति वर्ष 2018 में नैनीताल बैंक को बैंक ऑफ़ बड़ौदा में विलय करने हेतु अपनी संस्तुति दे चुकी है तथा वर्ष 2020 में पुनः अपनी चौथी रिपोर्ट के माध्यम से नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ़ बड़ौदा में विलय संबंधित अपनी संस्तुति के क्रियान्वयन हेतु फाइनेंस मिनिस्ट्री को लिख चुकी है।

गत जनवरी माह में नैनीताल बैंक ऑफिसर यूनियन का एक शिष्टमंडल माननीय सांसद श्री अनिल बलूनी जी के नेतृत्व में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से  नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के सम्बंध में मिला था तथा तब माननीय वित्तमंत्री ने शिष्टमंडल की मांगों पर उचित कार्यवाही का भरोसा दिया था। परंतु बॉब प्रबंधन अपनी षड्यंत्रकारी नीतियों के तहत नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में देने हेतु अग्रसर है तथा कुछ खरीददारों जैसे गाजा कैपिटल, पीरामल समूह, प्रेमजी समूह तथा कुछ अन्य स्मॉल फाइनेंस बैंकों को बोली लगाने हेतु चयनित कर चुका है।

उक्त प्रक्रिया के चलते कर्मचारियों के भारी विरोध के बाद 17 फरवरी को नोएडा स्थित नैनीताल बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में टाउन हॉल मीटिंग का आजोजन किया गया था जिसका उद्देश्य इस समस्या का सौहार्दपूर्ण हल निकालना था। जिसमे बैंक प्रबंधन और बैंक यूनियंस के बीच सहमति बनी थी कि 10 दिन के भीतर बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मण्डल और नैनीताल बैंक के संगठनों के मध्य बैठक कर विनिवेश को रोकने तथा विलय संबधी मांग पर चर्चा कर सौहार्दपूर्ण हल निकाला जाएगा, परंतु दी गई समयावधि समाप्त होने तथा संगठनों द्वारा किए गए कई पत्राचार के बावजूद बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन द्वारा नैनीताल बैंक के कर्मचारियों के भविष्य संबंधित चिंताओं के सवाल पर कोई जवाब न देने से कर्मचारियों में काफी आक्रोश है तथा बार-२ खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है। जिसके फलस्वरूप 7 फरवरी 2024 को बैंक कर्मियों द्वारा 30 तारीख की हड़ताल का आह्वाहन किया गया है तथा 11 तारीख तक बैंक प्रबंधन की तरफ से कोई जवाब न मिलने पर 12 मार्च से असहयोग आंदोलन चलाया है। इसी क्रम में आज शाम कार्यसमप्ति के उपरांत बैंक के प्रधान कार्यालय, समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों,  तथा समस्त शाखाओं के बाहर प्रदर्शन व नारेबाजी की गई।

Ad Ad Ad Ad Ad

More in उत्तराखंड