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उत्तराखंड

*उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी में राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार*

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की गतिविधियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने मिलकर 15 जुलाई 2025 तक चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2024 में समाप्त हो चुका है, जिसके बाद प्रशासन ने पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति की थी। अब इन प्रशासकों का कार्यकाल मई 2025 के अंत तक खत्म होने जा रहा है।

प्रशासकों का कार्यकाल क्रमशः ग्राम पंचायतों में 27 मई, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई और जिला पंचायतों में 31 मई को समाप्त हो रहा है। इस बीच शासन स्तर पर प्रशासकों का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रस्ताव तैयार कर उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जाएगा।

हालांकि प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने की कवायद के बीच, सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियों को प्राथमिकता पर रखते हुए तेजी से काम शुरू कर दिया है। हाल ही में “उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश 2025” और ओबीसी आरक्षण अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिल चुकी है। अब सरकार आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, जिससे कि जून में चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सके।

उत्तराखंड के 12 जिलों में कुल 47,57,210 मतदाता हैं। जिलेवार आंकड़े इस प्रकार हैं:

अल्मोड़ा – 5,50,471

बागेश्वर – 2,03,665

चमोली – 2,84,142

चंपावत – 1,85,347

देहरादून – 5,35,651

नैनीताल – 4,28,925

पौड़ी गढ़वाल – 4,31,743

पिथौरागढ़ – 3,41,828

रुद्रप्रयाग – 2,03,701

टिहरी गढ़वाल – 6,05,842

उधम सिंह नगर – 7,43,756

उत्तरकाशी – 2,42,139

यह आंकड़ा 20 मई 2025 तक का है।

संभावित पदों की संख्या

प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए संभावित पदों की संख्या इस प्रकार है:

ग्राम पंचायत सदस्य – 55,589

प्रधान ग्राम पंचायत – 7,499

उप प्रधान ग्राम पंचायत – 7,499

सदस्य क्षेत्र पंचायत – 2,974

सदस्य जिला पंचायत – 358

प्रमुख क्षेत्र पंचायत – 89

ज्येष्ठ उप प्रमुख क्षेत्र पंचायत – 89

कनिष्ठ उप प्रमुख क्षेत्र पंचायत – 89

जिला पंचायत अध्यक्ष – 12

उप जिला पंचायत अध्यक्ष – 12

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि आयोग चुनाव कराए जाने को लेकर पूरी तरह तैयार है। मतदाता सूची अपडेट की जा चुकी है। साथ ही बैलट बॉक्स, बैलट पेपर, पोलिंग किट और पोलिंग पार्टियों की आवश्यक तैयारियां पूरी हैं। आयोग को अब सिर्फ आरक्षण सूची का इंतजार है। उन्होंने कहा कि आरक्षण सूची मिलते ही 40 दिनों के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

उत्तराखंड सरकार 15 जुलाई तक चुनाव कराने पर इसलिए जोर दे रही है क्योंकि जून-जुलाई का महीना प्रशासनिक दृष्टि से सबसे अनुकूल है। इस दौरान शिक्षकों की उपलब्धता ज्यादा रहती है और चारधाम यात्रा का असर भी सीमित होता है। वहीं, अक्टूबर-नवंबर में प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की आशंका अधिक होती है, जिससे चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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