उत्तराखंड
*श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में सात प्रोफेसर और सात एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त*
उत्तराखंड के पहले राजकीय मेडिकल कॉलेज, को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है। श्रीनगर कॉलेज को सात प्रोफेसर और सात एसोसिएट प्रोफेसर की स्थाई नियुक्तियाँ मिल गई हैं, जिससे न केवल चिकित्सा शिक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि मरीजों को भी बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन नियुक्ति पत्रों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के हाथों पहले ही वितरित किया जा चुका है, और अब चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में नियुक्तियों का आंवटन कर दिया गया है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में नियुक्त किए गए 14 डॉक्टरों को 15 दिनों के भीतर योगदान देने का आदेश जारी किया गया है।
नियुक्त हुए विशेषज्ञ डॉक्टर:
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर पद पर निम्नलिखित डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है:
डॉ. कैलाश गैरोला (बायोकैमिस्ट्री)
डॉ. अरुण कुमार गोयल (डेंटिस्ट्री)
डॉ. अनुज गुप्ता (फॉरेंसिक मेडिसिन)
डॉ. राकेश रावत (सर्जरी)
डॉ. शेखर पाल (माइक्रोबायोलॉजी)
डॉ. पवन भट (पैथोलॉजी)
डॉ. जय कुमार (फिजियोलॉजी)
इसके अलावा, एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में निम्नलिखित डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है:
डॉ. सतेन्द्र यादव (एनेस्थीसिया)
डॉ. अजीत ठाकुर (बायोकैमिस्ट्री)
डॉ. अंकुर पांडेय (जनरल मेडिसिन)
डॉ. सुभाष चंद (आर्थोपेडिक्स)
डॉ. अर्जुन सिंह (ईएनटी)
डॉ. राजेन्द्र शर्मा (फार्माकोलॉजी)
डॉ. मोहित सैनी (साइकेट्री)
बेहतर चिकित्सा सेवाओं की उम्मीद:
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि स्थाई फैकल्टी के जुड़ने से कॉलेज के बेस चिकित्सालय की सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा। विशेष रूप से सर्जरी, जनरल मेडिसिन और ऑर्थोपेडिक्स विभागों को विशेषज्ञ मिलने से मरीजों को अधिक लाभ मिलेगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी नए नियुक्त डॉक्टरों को दो वर्षों की परिवीक्षा अवधि में रखा जाएगा। इस दौरान, किसी भी डॉक्टर को अन्य संस्थान में स्थानांतरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं दिया जाएगा।







