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उत्तराखंड

*गुलाबघाटी क्षेत्र के ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर हुई चर्चा*

नैनीताल। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बुधवार को जिला कार्यालय में हल्द्वानी की यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए विभिन्न सड़कों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण, रानीबाग में अंडरपास, गुलाबघाटी के ट्रीटमेंट और हल्द्वानी की ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु वैकल्पिक सड़कों के विकास पर चर्चा की।

डीएम ने विशेष रूप से नेशनल हाइवे के अंतर्गत रामनगर-काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और काठगोदाम से नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण प्रस्ताव की स्थिति का जायजा लिया। इसके अलावा, रानीबाग में अंडरपास बनाने और गुलाबघाटी क्षेत्र के ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर भी विचार किया गया।

जिलाधिकारी ने लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि वैकल्पिक सड़कों के चौड़ीकरण में तेजी लाई जा सके। विशेष रूप से, गुलाबघाटी के वैकल्पिक मार्ग, जो काठगोदाम बायपास से गौला पुल और अमृतपुर तक जाएगा, पर उन्होंने तेजी से काम करने को कहा। उन्होंने बताया कि यह मार्ग 3.5 किमी लंबा होगा और इस पर एक पुल भी बनाना है, जिससे हल्द्वानी बाइपास से आने वाले वाहन भीमताल और अन्य पर्वतीय रूटों की ओर जा सकेंगे, जिससे गुलाबघाटी मार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा।

लोनिवि अधिकारियों ने बताया कि इस मार्ग का सर्वे पूरा हो चुका है और वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया बाकी है। डीएम ने वन विभाग से समन्वय बनाकर इसे शीघ्र पूरा करने को कहा। इसके साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और लोक निर्माण विभाग को नरीमन चौक से गौला पुल तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य शीघ्र समाप्त करने का निर्देश दिया। एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि अतिक्रमण हटने के बाद इस कार्य में तेजी लाई जाएगी।

डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि रानीबाग और गुलाबघाटी मार्ग के चौड़ीकरण के लिए कंसल्टेंसी निविदा 5 फरवरी को खोली जाएगी, जिसके बाद सर्वे और DPR की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, उन्होंने उपजिलाधिकारी नैनीताल को काठगोदाम से नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग का रोड सेफ्टी ऑडिट शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

डीएम वंदना सिंह ने कहा कि आपदा सीजन से पहले वैकल्पिक मार्गों को तैयार करने का प्रयास किया जाए, ताकि पर्वतीय रूटों की कनेक्टिविटी बनी रहे और आमजन को सहूलियत के साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति संभव हो। बैठक में जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

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