उत्तराखंड
*उत्तराखंड निकाय चुनाव: भाजपा बागियों पर चलाएगी निष्कासन की तलवार, 50 से अधिक प्रत्याशी मैदान में*
उत्तराखंड के निकाय चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी उम्मीदवारों की संख्या बढ़ने के बाद अब भाजपा ने सख्त रुख अपनाया है। पार्टी नेतृत्व ने बागियों को पुनर्विचार का अंतिम अवसर दिया था, जो 7 जनवरी को खत्म हो गया। इसके बावजूद, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद 50 से अधिक बागी चुनाव में बने हुए हैं।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि बुधवार को पुनर्विचार का समय समाप्त हो चुका है और अब जो भी बागी पार्टी के पक्ष में नहीं खड़े होंगे, उन्हें अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी है और बागियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।
इन बागियों में श्रीनगर नगर निगम में मेयर पद के लिए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ लखपत भंडारी की पत्नी आरती भंडारी ने नामांकन किया है। इसके अलावा, उत्तरकाशी, देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, हरिद्वार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ कार्यकर्ता चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी ने ऐसे 50 से अधिक बागियों की सूची तैयार की है, जिन्हें जिलाध्यक्षों को सौंपा जाएगा और माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार तक इन पर कार्रवाई की जाएगी।
पार्टी द्वारा अनुशासनहीनता के आरोप में बागियों को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा का चुनाव प्रचार दूसरे चरण में 11 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में जनसभाएं, नुक्कड़ सभाएं और रोड शो आयोजित किए जाएंगे।
प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि पहले चरण के प्रचार के दौरान पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार, खासकर मेयर और पालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, घर-घर संपर्क कर रहे हैं। 11 जनवरी से पार्टी जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और रोड शो के माध्यम से अपने उम्मीदवारों के लिए जनसमर्थन जुटाने में जुट जाएगी।