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उत्तराखंड

*नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता, लाखों की स्मैक बरामद*

काशीपुर। नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान के अंतर्गत पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पुलिस को उत्तराखंड में इस वर्ष की सबसे बड़ी स्मैक की बरामद करने में कामयाबी मिली है। स्मैक की तस्करी करने वाला बरेली निवासी अमरुद्दीन को 502 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया है। स्मैक की कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं भारी मात्रा में स्मैक की तस्करी करने वाली रेशमा को वांटेड किया है। पुलिस अवैध नशे की तस्करी कर कमाए गई प्रॉपर्टी को चिन्नित कर, ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने की कार्यवाई कर रही है। एसएसपी ने पुलिस टीम को 2,000 रुपए नगद ईनाम की घोषणा की है।

पुलिस के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधमसिंहनगर द्वारा जनपद में चलाये जा रहे नशे के विरुद्ध अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक काशीपुर तथा पुलिस उपाधीक्षक काशीपुर के निर्देशन एंव पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली काशीपुर के नेतृत्व में आठ अगस्त को कोतवाली काशीपुर पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान ढेला पुल के पास अभियुक्त अमरुद्दीन अंसारी पुत्र दल्लू निवासी ग्राम अगरास थाना फतेहगंज जिला बरेली उत्तरप्रदेश को पकड़ा जिसकी तलाशी लिये जाने पर उक्त अभियुक्त के पास से पुलिस को 502.20 ग्राम अवैध स्मैक तथा स्मैक बेचकर कमाये 15,000 रुपये नकद बरामद हुये। अभियुक्त से उक्त बरामदगी के आधार पर कोतवाली काशीपुर पर मुकदमा एफआईआर संख्या 399/2023 धारा 8/21 NDPS ACT पंजीकृत किया गया ।

अभियुक्त द्वारा पूछताछ पर बताया कि वह कपड़े की कड़ाई का काम करता था उसे पैसो की काफी जरुरत थी उसी के क्षेत्र की रेशमा जो पहले से ही स्मैक के कारोबार में मशहूर है। कई बार बरेली और काशीपुर आदि स्थानों से स्मैक के मामले में जेल जा चुकी है ने उसे अपने पास बुलाकर ज्यादा पैसे कमाने का लालच देते हुये बरेली से स्मैक ले जाकर काशीपुर व उसके आसपास के क्षेत्र में स्मैक बेचने के लिये लालच दिया जिस कारण व लालच में आ गया, और तब से ही वह रेशमा से स्मैक लाकर उसे काशीपुर तथा उसके आसपास के स्मैक तस्करो शाहनवाज, उसकी बीवी, यामीन, शमीम भाभी निवासी बैलजुड़ी थाना कुंडा को उंचे दामों पर बेचता था बरेली में जब घर पर ऱेशमा नहीं होती थी तो रेशमा की बेटी उजमा उसे स्मैक देती थी। कितना पैसा कहां से लाना है इसका सारा हिसाब भी रेशमा की बेटी उजमा ही रखती थी। अभियुक्त ने बताया कि वह पढ़ा लिखा नहीं है उसे स्मैक के धंधे में हिसाब किताब रखने के लिये उसकी बीवी गुडिया भी पूरी मदद करती है ।

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