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नैनीताल

चैत के महीने में बेटी को भिटोली का बेसब्री से रहता है इंतजार…यहां जीवन वर्षा कला संगम समिति ने दी भिटोली

जीवन वर्षा कला संगम समिति द्वारा उत्तराखंड लोक पर्व भिटोली का आयोजन किया गया। जिसमें समाज में सौहाद्र और स्नेह की भावना से स्थानीय महिलाओं को भिटोली दी गई। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और नैनीताल विधायक सरिता आर्या रही।

बता दे देवभूमि उत्तराखंड को, लोक संस्कृति तथा लोक पर्वो के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाये जाते है, जैसे बसंत पंचमी, फुलदेई, घुघुतिया, मकर संक्रांति, तथा इनमे से एक और लोक संस्कृति में आधारित, पवित्र त्यौहार भिटोली के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार, चैत के पूरे महीने में मनाया जाता हैं। खासकर यह पर्व कुमाऊँ तथा गढ़वाल में मनाया जाता हैं। इस महीने विवाहित लड़की को भिटोली देने उसका भाई या माता- पिता जाते हैं। चैत के महीने में बेटी को भिटोली का बेसब्री से इंतजार रहता हैं। पहाड़ों पर चैत के महीने में एक चिड़िया घुई – घुई बोलती है। इसे घुघुती कहते हैं। घुघुती का उल्लेख पहाड़ी दंतकथाएं और लोक गीत में भी पाया जाता हैं। विवाहित बहनों को चैत का महिना आते ही अपने मायके से आने वाली ‘भिटौली’ की सौगात का इंतजार रहने लगता है। इस इन्तजार को लोक गायकों ने लोक गीतों के माध्यम से भी व्यक्त किया है। “न बासा घुघुती चैत की, याद ऐ जांछी मिकें मैत की”।

 



कार्यक्रम की संयोजक समिति अध्यक्ष वर्षा और समिति सचिव प्रगति जैन जी रहे । मुख्य रूप से उपस्थित अतिथि भावना मेहरा,ज्योति शाह, भगवती सुयाल, नीमा बिष्ट, खष्टी बिष्ट, मीना बिष्ट, रति बंसल, गीता पाठक, बीना भगत, मिताक्षी सदस्य उपस्थित रहे ।

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