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*बहुचर्चित फिल्म गदेरा का जी-5 पर इस दिन होगा एक्सक्लूसिव प्रीमियर*

नैनीताल। निर्माता निर्देशक योगेश वत्स की बहुचर्चित फिल्म गदेरा जिसका फिल्मांकन उत्तराखंड की वादियों में किया गया था 10 मई को ओटीटी प्लेटफार्म जी 5 पर एक्सक्लूसिव प्रीमियर किया जा रहा है। यह फ़िल्म  ब्रिटिश उपनिवेशवाद के दौर पर बनने वाली पहली उत्तराखंड की फिल्म है। जिसमें ब्रिटिश हुकूमत और पहाड़ी लोगों के प्रतिरोध और प्रतिशोध को दिखाया गया हैं।

निर्माता निर्देशक योगेश वत्स ने बताया कि गैदेरा को इंग्लिश , हिंदी , गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा में फिल्माया गया है। फिल्म की शूटिंग रामनगर , नैनीताल, हर्षिल, चमोली और पिथौरागढ़ की मनमोहक घाटियों और गैधेरों में की गई थी। फिल्म में ब्रिटिश और उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों ने काम किया हैं । फिल्म का निर्देशन और पटकथा योगेश वत्स द्वारा स्वयं की गई हैं । फिल्म का निर्माण सिद्धार्थ राजकुमार और योगेश वत्स द्वारा मिलकर किया गया हैं । फिल्म शूटिंग के दौरान ही चर्चा का विषय रही। विदेशी कलाकारों और शूटिंग को देखने की उत्सुककता ने कुमाऊं और गढ़वाल के लोगों के दिलों में फिल्म को देखने की काफी जिज्ञासा है। ख़ासकर उत्तराखण्ड का युवा वर्ग फिल्म के पोस्टर और सामग्री को गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा में लिखकर शेयर कर रहा है ।

योगेश वत्स ने बताया की उत्तराखण्ड में उनका शूटिंग करने का अनुभव शानदार रहा । सरकार  द्वारा शूटिंग की सभी परमिशन और औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बहुत करगार है । फिल्म निर्माण से पहले उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष शूटिंग से जुड़े मुद्दों पर बात हुई थी जिन्होंने उन्हें तुरंत होने के आश्वासन दिया और सभी तरह की मदद उत्तराखण्ड सरकार से मिली ।

फिल्म में जल, जंगल और पहाड़ के लिए पहाड़ी लोगों का टकराव, ब्रिटिश हुकूमत के साथ कैसे रहा और किस तरह से पूर्वजों ने अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने का काम किया इस जद्दोजहद को दिखाया गया है ।

फिल्म की शूटिंग सर्द ऋतु में की गई थी और कोरोनाकाल में सभी तरह की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर की गई थी । फिल्म निर्माण में काफी घोड़े उपयोग में हुए जिन्हे रामनगर और नैनीताल की अलग अलग जगह से मंगवाया गया ।गैधेरा एक समय पर आधारित फिल्म है जो 1912 के आस पास की घटनाओं पर ब्रिटिश गढ़वाल और कुमाऊं पर आधारित है । फिल्म में वेशभूषा, बोली और उस कालखंड से जुड़ी वस्तुओं को खूबसूरती से दर्शाया गया हैं।

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