उत्तराखंड
*उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: कड़ी टक्कर, रोमांचक फैसले और जीत का जश्न*
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना के बीच राज्यभर से आ रहे नतीजे इस चुनाव को रोचक और रोमांचक बना रहे हैं। 31 जुलाई की सुबह 8 बजे से शुरू हुई, जिसमें राज्य के 10,915 पदों पर 34,151 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। निर्वाचन आयोग ने मतगणना के लिए 15,024 कार्मिक और सुरक्षा के मद्देनजर 8,926 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है।
चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र बणद्वारा से सबसे दिलचस्प परिणाम सामने आया, जहां प्रधान पद के लिए 23 वर्षीय नितिन और उनके प्रतिद्वंदी को बराबर 138 वोट मिले। अंततः फैसला टॉस के जरिए हुआ और किस्मत ने नितिन का साथ दिया।
गैरसैंण विकासखंड से भी कई परिणाम सामने आए हैं। घंडियाल से सचिन कुमार ने 14 वोटों से, सारंग्वाड़ से सुरेंद्र सिंह ने 101 वोटों से, पज्याणा से अंकिता देवी ने 13 वोटों से, डुग्री से सीमा देवी ने 20 वोटों से और परवाड़ी से ज्योति देवी ने 108 वोटों से जीत दर्ज की।
क्षेत्र पंचायत सीटों पर भी मुकाबला कड़ा रहा। गैरसैंण के डुंगरी सीट से अरविंद सिंह और थराली के कुराड़ सीट से दया कृष्ण विजयी हुए हैं। वहीं मैखोली ग्रामसभा से सुनीता पटवाल ने ग्राम प्रधान पद पर जीत दर्ज की।
जिला पंचायत स्तर पर भी मुकाबले में जोर रहा। रानो वार्ड से पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी पहले राउंड में आगे हैं। आंद्रपा वार्ड से भाजपा समर्थित जगदीश घंड्याली कांग्रेस के अनिल अग्रवाल से 212 वोटों से आगे चल रहे हैं, जबकि मालसी वार्ड से कांग्रेस समर्थित कामेश्वरी देवी 577 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं।
रुद्रप्रयाग जिले के कांडारा वार्ड में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। यहां अजयबीर भंडारी ने भाजपा प्रत्याशी सुमन नेगी को हराया। ग्राम प्रधान पद पर स्यूर बांगर से माहेश्वरी देवी, कूडीअदूली से जगदीश सिंह, बक्शीर से गीता देवी और भूनाल से सीमा देवी ने जीत हासिल की।
उधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लॉक से गुलजारपुर ग्राम पंचायत में करनजीत कौर ने 21 वोटों से विजय प्राप्त की। हल्द्वानी में रेकवाल ग्रामसभा से उमा नीरज ने 140, लछमपुर से तनुजा पांडे ने 125 और जगतपुर गौलापार से यशवंत सिंह कार्की ने 98 वोटों से जीत दर्ज की।
जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ रही है, विजयी प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र सौंपे जा रहे हैं। बाकी सीटों के परिणाम भी जल्द सामने आने की उम्मीद है। उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में लोकतंत्र का यह उत्सव पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा है।



