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उत्तराखंड

*उत्तराखंडः केदारनाथ यात्रा में कर्मियों की सुरक्षा के लिए बीमा कवर*

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है। केदारनाथ धाम की कठिन पैदल यात्रा और यात्रा मार्ग पर आने वाली विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग सौरभ गहरवार ने यात्रा ड्यूटी में तैनात सभी कार्मिकों को 20 लाख रुपये का निःशुल्क दुर्घटना बीमा कवर देने की ऐतिहासिक घोषणा की है। यह पहल पहली बार की गई है, जिससे सभी कर्मचारियों ने जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया है।

केदारनाथ यात्रा का शुभारंभ हो चुका है, और 2 मई को देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए बाबा केदार के दरवाजे खोले जाएंगे। केदारनाथ की यात्रा उत्तराखंड के चारों धामों में सबसे कठिन मानी जाती है। यह यात्रा न केवल पहाड़ी रास्तों की कठिनाई बल्कि मौसम की चुनौतियों के कारण भी जोखिमपूर्ण होती है। विशेष रूप से बरसात के दौरान यात्रा मार्ग पर मलबा गिरने, भूस्खलन और अन्य हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यात्रा ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के लिए बीमा कवर देने की पहल की है। इसके तहत, सभी कर्मचारियों को 20 लाख रुपये का मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा। यह बीमा कवर यात्रा ड्यूटी के दौरान किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करेगा। यह पहल कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक ऐतिहासिक कदम है।

केदारनाथ यात्रा के दौरान पीआरडी जवानों, नगर पालिका, जल संस्थान, ऊर्जा निगम, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, बीकेटीसी के कर्मियों सहित अन्य विभागों के कर्मी दिन-रात यात्रा मार्ग पर तैनात रहते हैं। इन कर्मियों के लिए यात्रा ड्यूटी के दौरान अत्यधिक कठिनाइयाँ और जोखिम होते हैं। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने इन कर्मियों की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए बीमा कवर की इस नई पहल को लागू किया है।

इस कार्य के लिए जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्र को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। डॉ. मिश्र ने बताया कि यात्रा के सफल संचालन के लिए इन कर्मियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। यात्रा मार्ग की कठिन परिस्थितियों में ये कर्मी न केवल अपनी ड्यूटी निभाते हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखते हैं। इस पहल से इन कर्मियों में खुशी और संतोष का वातावरण है, और यह कदम उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

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