उत्तराखंड
*उत्तराखंडः स्कूल में प्रशासनिक अनियमितता उजागर, प्रधानाचार्य निलंबित*
उत्तराखंड में शैक्षणिक संस्थानों की कार्यप्रणाली को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। श्री गुरू राम राय पब्लिक स्कूल, ईसी रोड, देहरादून की प्रधानाचार्य शैला जोशी को वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना और अभिभावकों से दुर्व्यवहार के आरोप में स्कूल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
स्कूल प्रबंधन की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रधानाचार्य ने विद्यालय प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया, जिसे एक गंभीर प्रशासनिक चूक माना गया है। स्कूल की ओर से यह भी कहा गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए यह निर्णय लिया गया है, ताकि विद्यालय का अनुशासन एवं संचालन प्रभावित न हो।
निलंबन की अवधि के दौरान प्रधानाचार्य को निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। साथ ही, उन्हें एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, कालिदास रोड, देहरादून में उपस्थित रहकर जांच में पूर्ण सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा प्रधानाचार्य को विद्यालय से संबंधित समस्त दस्तावेज, उपकरण और चाबियां प्रभारी नियुक्त किए गए कुमारेशा शर्मा को तत्काल सौंपने के आदेश भी दिए गए हैं।
मामला तब सामने आया जब प्रधानाचार्य शैला जोशी ने अपने ही स्कूल से 8वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले एक छात्र को 9वीं कक्षा में प्रवेश देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने छात्र के अभिभावक पर अन्य स्कूल में प्रवेश दिलाने का दबाव भी बनाया। इस संबंध में अभिभावक ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि विद्यालय उनके निवास स्थान के पास स्थित है और वे अपने बच्चे को वहीं पढ़ाना चाहते हैं।
इसके अलावा, अन्य अभिभावकों ने भी सीईओ कार्यालय में प्रधानाचार्य पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी वी.के. ढौडियाल ने प्रधानाचार्य को छात्र को प्रवेश देने का स्पष्ट निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने इस आदेश की भी अवहेलना की।
सीईओ द्वारा प्रधानाचार्य को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने न तो कार्यालय में उपस्थिति दी और न ही फोन पर संतोषजनक संवाद किया। इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये के बाद सीईओ ने स्कूल प्रबंधन को कार्रवाई करने की सिफारिश की, जिसके आधार पर प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया।







