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उत्तराखंड

*हाईकोर्ट ने वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम शामिल करने पर उठाए सवाल, दी ये अनुमति*

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनावों के दौरान मतदाता सूची में बाहरी लोगों के नाम शामिल करने को लेकर दाखिल तीन जनहित याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई करते हुए उन्हें निस्तारित कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव 2025 अब संपन्न हो चुके हैं, ऐसे में यदि किसी प्रत्याशी या मतदाता को आपत्ति है, तो वे विधिसम्मत चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने अदालत में पक्ष रखते हुए बताया कि याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर मतदाता सूची की जांच कराई गई। जिन बाहरी लोगों के नाम गलत तरीके से सूची में पाए गए, उन्हें हटाया जा चुका है। आयोग ने यह भी बताया कि जिन मामलों में बिना सत्यापन के नाम जोड़े गए, वहां संबंधित ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) को निलंबित कर दिया गया है। बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र में भी इसी तरह की कार्रवाई चल रही है।

बुधलाकोट (जिला नैनीताल) निवासी आकाश बोरा ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनके गांव की मतदाता सूची में 82 बाहरी लोगों के नाम जोड़े गए, जिनमें से अधिकांश उड़ीसा और अन्य राज्यों से हैं। एसडीएम स्तर पर गठित जांच समिति ने इनमें से 18 नामों को बाहरी पाया, फिर भी अंतिम सूची में वे शामिल रहे। याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष 30 और संदिग्ध नामों की सूची भी पेश की थी।

सुनवाई के दौरान अदालत ने निर्वाचन आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा कि मतदाता सूची तैयार करते समय क्या आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड या निवास प्रमाण जैसे दस्तावेजों का सत्यापन किया गया था या सिर्फ मौखिक जानकारी के आधार पर नाम जोड़े गए। कोर्ट ने इस संबंध में दस्तावेजी रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया।

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिला पंचायत की 358 सीटों, क्षेत्र पंचायत की 2,972 सीटों और ग्राम प्रधान की 7,479 सीटों पर नतीजे आ चुके हैं। कुछ सीटों के परिणाम अभी लंबित हैं।

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