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*अद्भुत* भारत भर से लोगों ने पूर्ण चंद्र ग्रहण के कारण चंद्रमा को गाढ़े लाल रंग का होते हुए देखा।
नैनीताल।रविवार 7 सितंबर की रात खगोल प्रेमियों के लिए बहुत ही उत्साहजनक थी। भारत भर से लोगों ने पूर्ण चंद्र ग्रहण के कारण चंद्रमा को गाढ़े लाल रंग का होते हुए देखा। चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है जिसमें सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में आते हैं जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से इस छाया के भीतर होता है, तो उस समय भी सूर्य का कुछ प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होते हुए चंद्रमा पर पड़ता है। वायुमंडल सूर्यप्रकाश के रंगों में से बैंगनी और नीले रंगों को ज्यादा बिखेरता है और लाल और नारंगी रंगों को कम बिखेरता है। जिससे केवल लाल सूर्यप्रकाश चंद्रमा पर पड़ता है और वो गाढ़े लाल से लेकर तांबे के रंग में दिखाई देता है। इस स्थिति को अंग्रेजी में आम बोल-चाल में “ब्लड मून” भी कहा जाता है लेकिन यह कोई वैज्ञानिक नाम नहीं है। वायुमंडल में धूल या अन्य कणों के कारण यह रंग लगभग भूरा भी हो सकता है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) ने मनोरा पीक, नैनीताल स्थित अपने परिसर तथा हल्द्वानी से इस चंद्र ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की थी। ग्रहण की शुरुआत में एरीज के वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र यादव के ग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए एक ऑनलाइन व्याख्यान भी दिया। बीएसएनएल हल्द्वानी की रहिवासी कालोनी में बच्चों तथा लोगों के लिए चंद्र ग्रहण देखने की व्यवस्था भी की गई। हालांकि, हल्द्वानी से यह केवल अर्ध चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई दिया। लगभग 10:45 से 01:00 बजे के बीच बादलों के कारण लालिमा लिया हुआ पूर्ण चंद्र ग्रहण नही देखा जा सका। बता दें कि पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि 11:00 बजे से लेकर 12:22 बजे तक थी। इस कार्यक्रम में एरीज के निदेशक डॉ. मनीष कुमार नजा, एरीज जनसंपर्क कार्यक्रम के प्रभारी मोहित जोशी तथा बीएसएनएल हल्द्वानी के महाप्रबंधक भी शामिल हुए और चंद्र ग्रहण का आनंद लिया।

























