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उत्तराखंड

*नैनीताल में पार्किंग व्यवस्था को जीपीएस से जोड़ने की शुरुआत, नई एसओपी जारी*

नैनीताल: बढ़ते वाहनों के दबाव और जाम से पर्यटकों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए नैनीताल नगर में पार्किंग व्यवस्था को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस पहल के तहत, शहर में आने वाले पर्यटकों को पहले से यह जानकारी मिल सकेगी कि कहां पार्किंग उपलब्ध है, जिससे उन्हें पार्किंग की तलाश में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

ग्रीष्मकाल में नैनीताल आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाती है, जिससे पार्किंग की समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में शहर में पार्किंग स्थानों का दबाव बढ़ जाता है, और केवल उन्हीं वाहनों को पार्किंग दी जाती है, जिनकी होटल या होम स्टे में पहले से बुकिंग होती है। इस वजह से कई पर्यटकों को रूसी बाईपास, भवाली मार्ग और नारायणनगर जैसी पार्किंग स्थलों से वापस लौटना पड़ता है।

नैनीताल पुलिस ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए पार्किंग की ऑनलाइन जानकारी देने का निर्णय लिया है। इसके तहत, शहर के बाहर डिसप्ले बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर पार्किंग की स्थिति के बारे में अपडेट मिलेगा। जब कोई पार्किंग स्लॉट खाली होगा, तो यह जानकारी डिसप्ले पर दिखायी जाएगी, जिससे पर्यटकों को पहले से जानकारी मिल सकेगी और वे आसानी से पार्किंग की व्यवस्था कर सकेंगे।

इसके अलावा, टैक्सी संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बाद टैक्सी कारोबारियों को नियमों के बारे में जानकारी दी गई। बुधवार से सत्यापन अभियान की शुरुआत की गई है, जिसमें पहले चरण में 2017 से पूर्व पंजीकृत वाहनों का सत्यापन किया जाएगा।

कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में टैक्सी कारोबारियों ने समस्याएं रखीं। उनका कहना था कि 2017 से पूर्व पंजीकृत अधिकतर वाहन अब चलन से बाहर हो चुके हैं, और ऐसे वाहनों की संख्या कम होने के बावजूद नई गाड़ियों को संचालन की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसके अलावा, पुराने वाहनों के परमिट पर नई गाड़ी खरीदने के बाद परिवहन विभाग द्वारा नैनीताल में संचालन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। कई सरकारी विभागों में 2017 के बाद पंजीकृत वाहनों का संचालन हो रहा है, लेकिन यह नियम केवल टैक्सी कारोबारियों पर लागू हो रहा है।

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