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पूर्व छात्रसंघ उपसचिव सोनू बिष्ट की बेटी वैष्णवी बिष्ट ने उत्तराखंड का नाम किया रोशन,पैरा एथलीट नेशनल चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 200 मीटर रेस में तीसरा स्थान हासिल किया

 

 

नैनीताल। विगत दिनों अटल बिहारी वाजपेई स्पोर्ट्स सेंटर में 29 अगस्त से 1 सितंबर तक अयोजित 14 जूनियर एंड सब जूनियर पैरा एथलीट नेशनल चैंपियनशिप 2025।इस चयन प्रक्रिया में देशभर से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपने दमखम का परिचय दिया। इन्हीं में से नैनीताल की उभरती एथलीट वैष्णवी बिष्ट ने अपने शानदार प्रदर्शन कर के 200 मीटर रेस में तीसरा स्थान प्राप्त किया.

 

अंडर-17 आयु वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही वैष्णवी ने अपनी मेहनत और लगन से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया.

 

वैष्णवी बिष्ट वर्तमान में कक्षा 10 की छात्रा हैं और मोहनलाल शाह बाल विद्या मंदिर, नैनीताल में पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी वह निरंतर प्रगति कर रही हैं। विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों ने भी उनकी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है और कहा है कि वैष्णवी की यह सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

 

वैष्णवी की इस उपलब्धि के पीछे उनके कोच निखिल आर्य और निहारिका गुसाईं,स्कूल की प्रिंसिपल अनुपमा साह और सभी शिक्षकों का विशेष योगदान रहा है। उनका कहना है कि हमेशा से ही उनके प्रिंसिपल और शिक्षकों ने उनको बहुत प्रोत्साहित किया है. उनके योग्यदान और आशीर्वाद से वैष्णवी ने यहां तक का सफर तय किया है। उनके माता-पिता का भी विशेष योगदान है। उनके पिता संजय बिष्ट  सोनू बिज़नेस मैन है और माता अनुभा बिष्ट सेंट जोसेफ कॉलेज में शिक्षिका हैं। और हमेशा बेटी को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। कठिन परिस्थितियों और खेल की चुनौतियों के बावजूद माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया। वैष्णवी का कहना है कि परिवार का सहयोग ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

 

वैष्णवी के परिवार की खेल परंपरा भी प्रेरणादायी रही है। उनके दादाजी सुरेंद्र सिंह बिष्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने पटियाला से हॉकी कोचिंग में डिप्लोमा किया है और सेना में कोच के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। दादाजी की खेल भावना और अनुशासन से प्रभावित होकर ही वैष्णवी ने खेलों में अपना करियर बनाने का संकल्प लिया। यही कारण है कि आज वे अपनी मेहनत और लगन से राष्ट्रीय स्तर तक पहुँची हैं।

 

कोच निखिल आर्य ने कहा कि वैष्णवी की मेहनत, अनुशासन और निरंतर अभ्यास उनकी सबसे बड़ी ताकत है। हर परिस्थिति में उन्होंने हार न मानकर खुद को और बेहतर बनाने का प्रयास किया है। यही कारण है कि आज वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है।

 

वैष्णवी की इस सफलता से पूरे नैनीताल और उत्तराखंड में हर्ष की लहर है। सभी को उम्मीद है कि आगे भी वैष्णवी ऐसे ही प्रदेश का नाम रोशन करेंगी।मैं और भविष्य में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में वैष्णवी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाएँगी। स्थानीय खेल प्रेमियों और गोविंद सिंह परिहार ने भी वैष्णवी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं और कहा है कि यह सफलता देश की अन्य बेटियों और खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायी होगी।

 

छोटी उम्र में मिली यह बड़ी उपलब्धि निश्चित ही न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। वैष्णवी बिष्ट ने यह साबित कर दिया है कि यदि कठिन परिश्रम, अनुशासन और आत्मविश्वास हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। उनकी यह सफलता उत्तराखंड की बेटियों और उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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