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उत्तराखंड

*नैनीतालः वादाखिलाफी का विरोध, आशा वर्कर्स ने बनाई आंदोलन की रणनीति*

नैनीताल। ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की नैनीताल कमेटी की बैठक यहां संपन्न हुई। मीटिंग में ऐक्टू के 24-26 फरवरी को दिल्ली में होने जा रहे राष्ट्रीय सम्मेलन, आशा संगठन, सदस्यता, आंदोलन आदि मुद्दों पर चर्चा करते हुए आगे की रणनीति बनाई गई।

बैठक संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि,”आशा जैसी महिला कामगारों का खुला शोषण यह सरकार कर रही है। चार लेबर कोड लागू होने के बाद महिला कामगारों का शोषण और बढ़ेगा। आशाओं से वादा करके वादाखिलाफी करना भाजपा सरकार का चरित्र बन गया है जिसका जवाब आशाओं को मजबूत संगठन बना कर देना होगा। अगर सरकार का यही रवैया चलता रहा तो आशाएँ पुनः आंदोलन को बाध्य होंगी।”

यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “आशा वर्कर्स के साथ वादे के बावजूद राज्य सरकार ने आशाओं के साथ लगातार धोखा किया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि धामी

सरकार आशाओं की दुर्दशा के प्रति भारी असंवेदनशील है। वक्त का तकाजा है कि राज्य सरकार को तत्काल आशाओं की न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा जैसी मांगों को पूरा करना चाहिए।”

यूनियन नेताओं ने कहा कि, राज्य में आशाओं के 2 अगस्त से 31 अगस्त 2021 तक एक माह के कार्यबहिष्कार हड़ताल और आंदोलन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री धामी ने 31 अगस्त 2021 को आशाओं के प्रतिनिधिमंडल से डी जी हेल्थ उत्तराखण्ड के प्रस्ताव के अनुरूप 11500 रुपए के मानदेय का शासनादेश जारी करने का वायदा किया था। लेकिन तीन साल से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा की उत्तराखण्ड सरकार और उसके मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने वादे पर अमल नहीं किया है। राज्य सरकार को तत्काल इस वादे को पूरा करना चाहिए।

मीटिंग में ऐक्टू के 24-26 फरवरी को दिल्ली में होने जा रहे राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की गई। 24 फरवरी को तालकटोरा स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित होने वाले ओपन सत्र में जिले से भी बड़ी संख्या में आशा वर्कर्स भागीदारी करेंगी।

बैठक को ऐक्टू से संबद्ध  उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय, कोषाध्यक्ष रमा गैड़ा, चंद्रा सती, भगवती शर्मा, ममता आर्य, माधवी दरमाल, प्रभा बिष्ट आदि ने मुख्य रूप से संबोधित किया।

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