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उत्तराखंड

*नैनीताल: वन कर्मियों की मांगों पर सहमति, बिनसर में बनेगा शहीद स्मारक*

नैनीताल। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं की अध्यक्षता में सहायक वन कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता की अध्यक्षता प्रदेश महामंत्री श्री बृजमोहन सिंह रावत ने की।

वार्ता के दौरान बिनसर अभयारण्य, अल्मोड़ा में वन अग्नि दुर्घटना के दौरान शहीद हुए वनकर्मियों की स्मृति में बिनसर के प्रवेश द्वार के समीप शहीद स्मारक निर्माण की मांग पर सहमति बनी। अधिकारियों ने बताया कि स्मारक निर्माण हेतु स्थल चयन कर लिया गया है और कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, समूचे उत्तराखंड में सिविल एवं वानिकी कार्यों के लिए एक समान प्रणाली लागू करने पर सहमति बनी। इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) उत्तराखंड, देहरादून से वार्ता की जाएगी ताकि टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी एवं संगठित बनाया जा सके।

वन कर्मचारियों पर ड्यूटी के दौरान वन माफियाओं द्वारा किए जा रहे हमलों और पुलिस द्वारा अपेक्षित सहयोग न मिलने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इस पर मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं द्वारा पुलिस आईजी कुमाऊं जोन से वार्ता कर आवश्यक कार्रवाई की गई है। तराई क्षेत्र में वन अपराधियों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा गया है।

स्थानांतरण नीति के तहत ‘उत्तराखंड लोक सेवक वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 (संख्या वर्ष 2018)’ के अनुपालन में बीट/अनुभाग स्तर पर सुगम एवं दुर्गम स्थानों का निर्धारण करने का आश्वासन दिया गया। इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) देहरादून को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

पश्चिमी व्रत के तराई वन क्षेत्र में वन गुर्जरों और खत्तेवासियों द्वारा आरक्षित वन भूमि में अवैध गैर-वानिकी गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि शीघ्र ही एक कार्य योजना बनाकर इन गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी।

वन माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कैंपा योजना के अंतर्गत हथियार (जैसे रिवाल्वर आदि) क्रय करने के लिए 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिससे जल्द ही आवश्यक शस्त्रों की खरीद की जाएगी।

कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और परिवार के आवास हेतु रामनगर एवं हल्द्वानी में फॉरेस्ट लाइन स्थापित करने के लिए स्थान चिन्हित कर प्रस्ताव प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) को भेजा जाएगा।

नैनीताल में संघ भवन के निर्माण के लिए भी सहमति व्यक्त की गई है। स्थानीय कार्मिकों को स्थल चिन्हित कर जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।

इसके अतिरिक्त, नैनीताल के विभिन्न वन परिसरों में राजकीय आवासों पर अनधिकृत रूप से रह रहे कर्मचारियों से आवास खाली कराने और उनसे आवास शुल्क की वसूली उनके राजकीय देयकों से करने की कार्यवाही भी की जाएगी।

 

 

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