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जानलेवा हमले और धमकी के आरोपीत कोर्ट से बरी, वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज कुलौरा की दमदार दलीलों के चलते मिला इंसाफ
नैनीताल। न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (जूडि) नैनीताल उर्वशी रावत की अदालत ने बहुचर्चित मारपीट और धमकी प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मान सिंह और अभियुक्ता प्रियंका उर्फ पुष्पा को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज कुलौरा की दमदार पैरवी के चलते मिला इंसाफ।
मामला ग्राम स्यूड़ा हैड़ाखान का है। आरोप था कि 10 नवंबर 2022 को शिकायतकर्ता की मां देवकी देवी खेत में काम कर रही थीं। तभी पड़ोस में रहने वाले मान सिंह, लक्ष्मण सिंह, हीरा देवी, सुमित सिंह, प्रियंका और सोनिया ने उनके साथ मारपीट की। आरोप यह भी लगाया गया था कि देवकी देवी को जबरन घर ले जाकर हाथ-पांव बांधे गए, कपड़े फाड़े गए और विरोध करने पर डंडों से पीटा गया। साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी गई। घटना की जानकारी शिकायतकर्ता को दी गई, जिसके बाद महिला को एंबुलेंस से बेस अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती कराया गया। इस मामले में थाना भीमताल में आईपीसी की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने मान सिंह के खिलाफ धारा 323, 354, 504 व 506 और प्रियंका के खिलाफ धारा 323, 504 व 506 में आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कई गवाहों व दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि शिकायतकर्ता और अभियुक्तों के बीच खेत की मेढ़ को लेकर पुराना विवाद है और रंजिशन झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। सभी साक्ष्यों पर विचार करने के बाद अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा। लिहाजा मान सिंह और प्रियंका को सभी आरोपों से दोषमुक्त किया गया। फैसले में अदालत ने अभियुक्तों के व्यक्तिगत बंधपत्र व जमानतनामे निरस्त करने के आदेश दिए।

























