Connect with us

उत्तराखंड

*उत्तराखंड में अतिथि आचार्यों का वेतन विवाद: योग्यता यूजीसी जैसी, लेकिन वेतन आधे से कम*

Ad

नैनीताल। कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा अतिथि आचार्य (Guest Lecturers) की नियुक्ति के लिए निकाले गए हालिया विज्ञापन ने राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री की नीतिगत विफलता उजागर कर दी है। विश्वविद्यालय ने पदों के लिए न्यूनतम योग्यता पीएचडी निर्धारित की है, जो कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा तय मानक के अनुरूप है। लेकिन इसके बावजूद इन शिक्षाविदों को मात्र ₹25,000 प्रतिमाह वेतन देने की घोषणा की गई है, जो कि यूजीसी द्वारा निर्धारित वेतनमान से आधे से भी कम है।

यूजीसी के अनुसार अतिथि आचार्यों का मानदेय ₹57,770 प्रतिमाह है, जबकि नेट-जेआरएफ शोधार्थी को ₹37,000 और एसआरएफ शोधार्थी को ₹42,000 प्रतिमाह मिलता है। इस तथ्य के बावजूद कि विश्वविद्यालय ने योग्यता के लिए यूजीसी के नियमों का पालन किया है, वेतन में इसका पालन न करना शिक्षकों का अपमान और शोषण माना जा रहा है।

शिक्षा विशेषज्ञों और छात्र संगठनों ने इस वेतनभेद की कड़ी निंदा की है और सरकार से अतिथि आचार्यों को यूजीसी निर्धारित वेतनमान देने की तत्काल मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस मुद्दे पर सरकार ने शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो वे व्यापक आंदोलन के लिए तैयार हैं।

 

Ad
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखंड