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आगामी पर्यटन सीजन को लेकर आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने अधिकारियों पर पर्यटन व्यवसायियों के साथ बैठक की।त्योहारों व पर्यटन सीजन में नैनीताल ट्रैफिक होगा स्मार्ट – संवेदनशील पुलिसिंग की दिशा में ठोस कदम

नैनीताल ।आगामी क्रिसमस, नववर्ष आगमन तथा शीतकालीन अवकाश के दौरान नैनीताल में बढ़ने वाली पर्यटक गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए आज पुलिस महानिरीक्षक, कुमायूँ परिक्षेत्र रिद्धिम अग्रवाल (IPS) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण यातायात समन्वय गोष्ठी का आयोजन किया गया।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल मंजूनाथ टी.सी., अपर पुलिस अधीक्षक (संचार) रेवाधर मठपाल, क्षेत्राधिकारी लालकुआँ श्रीमती दीपशिखा अग्रवाल, क्षेत्राधिकारी भवाली अमित कुमार, क्षेत्राधिकारी रामनगर सुमित पांडे, क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी, निरीक्षक यातायात नैनीताल/रामनगर वेद प्रकाश भट्ट, निरीक्षक यातायात हल्द्वानी महेश चन्द्रा, निरीक्षक यातायात भवाली बी.एस. बिष्ट, थाना प्रभारी मल्लीताल व तल्लीताल सहित नैनीताल टैक्सी यूनियन के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
आईजी अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ आगामी सीजन की यातायात चुनौतियों की समीक्षा करते हुए कहा कि नैनीताल आने वाले हर पर्यटक का अनुभव हमारी कार्यकुशलता और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। इसलिए हर स्तर पर योजना, समन्वय और क्रियान्वयन में पारदर्शिता व सतर्कता आवश्यक है।
आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बिंदु बार निम्न 13 मुख्य बिंदुओं पर अधिकारियों को निर्देशित किया
1- पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना
आईजी ने निर्देशित किया कि नैनीताल नगर में पार्किंग की मौजूदा क्षमता का यथार्थ मूल्यांकन कर भीड़ वाले क्षेत्रों — मल्लीताल, तल्लीताल, मॉल रोड और हाईकोर्ट क्षेत्र — में वैकल्पिक पार्किंग स्थलों की पहचान की जाए।
नगर पालिका, पर्यटन विभाग और पुलिस के समन्वय से अस्थायी पार्किंग स्थल चिह्नित कर वहां उचित साइनेज, लाइटिंग और निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बाहरी वाहनों के लिए एंट्री प्वाइंट पर सूचना बोर्ड लगाए जाएँ, ताकि शहर के भीतर अनावश्यक जाम न बने।
2- टैक्सी स्टैण्ड प्रबंधन में सुधार
टैक्सी स्टैण्डों पर अनुशासित संचालन हेतु लाइनिंग सिस्टम, पार्किंग जोन, और प्रतीक्षा व्यवस्था को पुनर्गठित किया जाए। टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी समय अनधिकृत वाहन स्टैण्ड पर न खड़े हों।
भीड़ के समय में ‘रोटेशन सिस्टम’ लागू कर टैक्सियों को क्रमवार संचालन की अनुमति दी जाए, जिससे जाम की स्थिति नियंत्रित रहे।
3- दोपहिया टैक्सी वाहनों का सत्यापन
दोपहिया टैक्सियों (स्कूटी टैक्सी आदि) के लिए सत्यापन प्रक्रिया को कठोर बनाया जाए। चालक का लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, वर्दी, परिचय पत्र की जांच कर केवल वैध व सत्यापित वाहनों को संचालन की अनुमति दी जाए।
संदिग्ध या बिना अनुमति संचालित वाहनों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
4- संयुक्त सत्यापन अभियान
अगले 15 दिनों के भीतर थाना स्तर पर सिविल पुलिस और यातायात पुलिस द्वारा टैक्सी, मैक्सी, और अन्य सार्वजनिक वाहनों का संयुक्त सत्यापन अभियान चलाया जाएगा।
इस दौरान वाहनों की तकनीकी स्थिति, स्वच्छता, किराया मीटर, बीमा, परमिट व चालक के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी वाणिज्यिक वाहन पर्यटक सुरक्षा के मानकों का पालन करें।
5- स्थानीय निकायों और हितधारकों के साथ समन्वय बैठकें
थाना प्रभारीगण को निर्देशित किया गया कि वे नगर पालिका, घोड़ा स्वामी संघ, स्टैण्ड संचालकों और टैक्सी यूनियन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करें।
इन बैठकों में यातायात की बाधाओं, मार्गों के अवरोधों, घोड़ा सवारी मार्गों के पुनर्विन्यास, और पार्किंग के उपयोग में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों पर चर्चा की जाएगी।
सभी सुझावों को संकलित कर “सुगम यातायात कार्ययोजना” तैयार की जाएगी, जो पुलिस व प्रशासन दोनों द्वारा संयुक्त रूप से लागू की जाएगी।
6- भौतिक निरीक्षण एवं रिपोर्टिंग प्रणाली
सभी थाना प्रभारी, यातायात निरीक्षक तथा यूनियन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे टैक्सी स्टैण्ड, पार्किंग स्थलों एवं प्रमुख पर्यटक मार्गों का भौतिक निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
रिपोर्ट में भीड़भाड़ वाले बिंदु, वाहन प्रवाह दिशा, पार्किंग क्षमता, वैकल्पिक मार्गों और संभावित जोखिम क्षेत्रों का उल्लेख किया जाएगा।
7-यातायात व्यवस्था हेतु तैयारी
अंतिम योजना तैयार होने के उपरांत, त्योहारों से पूर्व तैयारी की जाये जिसमें वास्तविक परिस्थितियों में यातायात व्यवस्था संचालित की जाएगी।
इससे जमीनी स्तर की समस्याओं का पूर्व में ही समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा। तैयारियों के दौरान कैमरा मॉनिटरिंग, वायरलेस संचार और पैदल मार्ग नियंत्रण पर विशेष ध्यान रहेगा।
8- पुलिस बल की ड्यूटी व्यवस्था का युक्तिसंगत निर्धारण
आईजी ने एसएसपी नैनीताल को निर्देशित किया कि ड्यूटी पर लगाए जाने वाले कर्मियों का चयन अनुभव और क्षेत्रीय जानकारी के आधार पर किया जाए।
ऐसे पुलिस कर्मियों को प्राथमिकता दी जाए जो संबंधित पॉइंट पर पहले भी कार्य कर चुके हों या जिन्हें उस क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान हो।
साथ ही, ड्यूटी के दौरान कर्मियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर बल दिया गया ताकि वे पर्यटकों से संवाद करते समय संवेदनशील और सहयोगी दृष्टिकोण अपनाएँ।
9- एएनपीआर कैमरा प्रणाली की समीक्षा
आईजी अग्रवाल ने एएनपीआर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन कैमरा परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और संबंधित सॉफ्टवेयर के विकास कार्य की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि यह प्रणाली न केवल संदिग्ध वाहनों की पहचान में मदद करेगी बल्कि ट्रैफिक मॉनिटरिंग, अपराध नियंत्रण और वास्तविक समय में डेटा उपलब्ध कराने में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
सॉफ्टवेयर को यातायात कंट्रोल रूम से सीधे लिंक कर उसकी कार्यप्रणाली का परीक्षण शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
10- यात्रियों की सुविधा हेतु सूचना एवं मार्गदर्शन व्यवस्था सुदृढ़ की जाए
यात्रियों की सुविधा एवं मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए पर्यटन स्थलों पर आकर्षक बैनर, फ्लेक्सी एवं साइन बोर्ड लगाए जाएँ। साथ ही आवश्यकता अनुसार क्यूआर कोड भी प्रदर्शित किए जाएँ, ताकि यात्रीगण अपने गंतव्य तक सुगमता एवं शीघ्रता से पहुँच सकें तथा आवश्यक जानकारी सहज रूप से प्राप्त कर सकें।
11- “यात्रियों के मार्गदर्शन हेतु सूचना प्रसारण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
यात्रियों की सुविधा के लिए थाना स्तर पर पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश (प्रसारित किए जाएँ। साथ ही पी.ए. सिस्टम व सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से यातायात व्यवस्था एवं आवश्यक दिशा-निर्देशों की समय-समय पर घोषणा की जाए, ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और यातायात सुचारू रूप से संचालित रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से भी यायातात रुट का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये ।
12- *जाम रहित यातायात व्यवस्था हेतु टैक्सी रूटों का कलर कोडिंग सिस्टम लागू किया जाए”
जाम रहित और सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग रूटों पर संचालित टैक्सियों को भिन्न-भिन्न रंगों (Color Coding) द्वारा चिह्नित किया जाए। इससे यात्रियों तथा यातायात पुलिस को पूर्व से ही यह जानकारी रहेगी कि कौन-सी टैक्सी किस रूट पर संचालित है, जिससे वाहन नियंत्रण, रूट प्रबंधन एवं ट्रैफिक प्रवाह को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा।
13- पड़ोसी जनपदों के समन्वय से ट्रैफिक प्रबंधन को किया जाएगा सुदृढ़”
नैनीताल में पर्यटकों की सुविधा एवं यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने हेतु शीघ्र ही जनपद ऊधमसिंह नगर एवं अल्मोड़ा के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस गोष्ठी में उनके जनपदों से नैनीताल की ओर आने वाले ट्रैफिक के संबंध में समुचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि यातायात का प्रवाह संतुलित रहे और पर्यटकों को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सकारात्मक परिणामों के आधार पर कैंची धाम यातायात व्यवस्था में भी किया जाएगा विस्तार
नैनीताल में की गई इन व्यवस्थाओं एवं तैयारियों का आंकलन कर प्राप्त सकारात्मक परिणामों के दृष्टिगत, इसी मॉडल को कैंची धाम यातायात व्यवस्था में भी लागू किया जाएगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं के आवागमन में सुगमता आएगी, बल्कि भीड़ प्रबंधन एवं ट्रैफिक नियंत्रण भी अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बैठक का समापन करते हुए कहा —
“नैनीताल की सुंदरता उसके अनुशासन और स्वच्छता में निहित है। हमारा दायित्व केवल नियंत्रण नहीं, बल्कि सुविधा प्रदान करना है। पर्यटक जहां आत्मविश्वास से घूम सके, वहीं स्थानीय लोगों को भी राहत का अनुभव हो — यही पुलिस व्यवस्था की सफलता है।”





