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उत्तराखंड

*नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को बनाया पक्षकार*

नैनीताल: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दिन नैनीताल में हुई आपराधिक घटना पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंगलवार को जनहित याचिका पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को पक्षकार बनाया है। अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी।

सुनवाई के दौरान नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा स्वयं कोर्ट में पेश हुए, जबकि जिलाधिकारी वंदना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहीं। एसएसपी ने कोर्ट को जानकारी दी कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक उपनिरीक्षक को निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि 13 अगस्त की रात एक लाल रंग की कार में पहुंचे संदिग्धों में रामपुर, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी और नैनीताल के लोग शामिल थे, जिनकी पहचान और विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। यह लाल कार फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।

हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने चुनाव से जुड़ी रात को होटल में हथियारबंद लोगों की मौजूदगी और अगले दिन रेनकोट पहनकर पांच जिला पंचायत सदस्यों को जबरन उठाने की घटना पर गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल पुलिस अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असफल रही है। कोर्ट ने उन वीडियो फुटेज को भी देखा, जिसमें इन घटनाओं को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर वायरल हुए “नैनीताल को हिला डाला” शीर्षक वाले वीडियो पर भी कोर्ट ने सख्त प्रतिक्रिया दी है।

हाईकोर्ट परिसर में लगातार दूसरे दिन निषेधाज्ञा लागू रही और सुरक्षा के मद्देनज़र भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

इस बीच, जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई जारी है, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव परिणामों को रद्द कर पुनर्मतदान की मांग की गई है। मंगलवार को जिलाधिकारी द्वारा परिणाम घोषित किए जाने के मामले में बहस अभी जारी है।

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