उत्तराखंड
*फर्जी डिग्री पर शिक्षक बना जालसाज, कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा*
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी पाने वाले एक आरोपी को अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अशोक कुमार सैनी की अदालत ने आरोपी लक्ष्मण सिंह रौथाण को दोषी पाते हुए ₹10,000 जुर्माने के साथ यह सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जनता इंटर कॉलेज, देवनगर में तैनात लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण ने वर्ष 2003 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (उत्तर प्रदेश) से बीएड डिग्री प्राप्त करने का दावा किया था। इसी डिग्री के आधार पर उसे शिक्षक नियुक्त किया गया था। हालांकि, बाद में शिकायत मिलने पर शिक्षा विभाग ने डिग्री की सत्यता की जांच कराई।
डिग्री की जांच के लिए विश्वविद्यालय से संपर्क किया गया, जहां से प्राप्त रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि लक्ष्मण सिंह रौथाण के नाम से कोई बीएड डिग्री जारी नहीं हुई है। इसके बाद शासन स्तर पर विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर विस्तृत जांच कराई गई, जिसमें आरोप सही पाए गए।
साक्ष्यों के आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग ने आरोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उसके विरुद्ध धोखाधड़ी (IPC 420) और कूटरचना (IPC 468, 471) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद मामला अदालत में विचाराधीन रहा।
मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर अदालत ने लक्ष्मण सिंह रौथाण को दोषी करार दिया और उसे पांच साल की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग जिले में फर्जी दस्तावेजों के जरिए शिक्षक पद पर नौकरी हासिल करने के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। अब तक 28 फर्जी शिक्षकों को अदालत द्वारा दोषी ठहराकर जेल भेजा जा चुका है। शिक्षा विभाग इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए निरंतर सत्यापन अभियान चला रहा है।



