उत्तराखंड
*मनरेगा में फर्जी हाजिरी कांड, शासन ने 14 वीडीओ को दी प्रतिकूल प्रविष्टि*
उत्तराखंड में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है।
हरिद्वार जिले में सामने आए इस अनियमित्ता के मामले में 14 ग्राम विकास अधिकारियों (वीडीओ) को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कई अन्य जिम्मेदारों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है।
शासन को विभिन्न माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि एनएमएमएस ऐप (National Mobile Monitoring Software) के माध्यम से अपलोड की जा रही मजदूरों की उपस्थिति फोटोग्राफ्स में व्यापक त्रुटियां हैं। इस पर सभी विकास खंडों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपलोड की गई तस्वीरों की जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जांच में सामने आया कि कई विकास खंडों में नियमों का उल्लंघन हुआ है। इस पर कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर जिम्मेदारी तय की गई।
जारी की गई प्रमुख कार्रवाइयां:
14 ग्राम विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई।
11 ग्राम रोजगार सेवकों की वित्तीय वर्ष 2025-26 की मानदेय वृद्धि पर रोक लगाई गई।
ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।
मेटों को कार्य से हटा दिया गया, जिनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई।
उप कार्यक्रम अधिकारियों (मनरेगा) पर आर्थिक दंड लगाया गया।
खंड विकास अधिकारियों और कार्यक्रम अधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी गई।
शासन ने निर्देश दिए हैं कि सभी खंड विकास अधिकारी व उनके अधीनस्थ अधिकारी फील्ड में जाकर औचक निरीक्षण करें और मनरेगा के अंतर्गत प्रगति पर चल रहे कार्यों का भौतिक सत्यापन करें। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि निरीक्षण की रिपोर्ट नियमित रूप से जिला मुख्यालय को प्रस्तुत की जाए।







