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उत्तराखंड

*मानसून में अवरुद्ध सड़क नहीं खुलवाना पड़ा महंगा, अधिकारियों पर गिरी गाज*

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उत्तराखंड में कार्य में लापरवाही बरतना अधिकारियों को महंगा पड़ गया है। जिलाधिकारी ने गंभीर रुख अपनाते हुए दो अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, वहीं बिजली विभाग के एक अधिकारी पर भी कार्रवाई की गई है। इस सख्त कदम से जिलेभर के विभागों में हड़कंप मच गया है।

यह मामला बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के धरमघर-सनगाड़ ग्रामीण मोटर मार्ग का है, जो रविवार को तेज बारिश के कारण मलबा आने से अवरुद्ध हो गया था। मार्ग बंद होने के चलते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सूचना मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अधिकारियों द्वारा समय पर राहत नहीं पहुंचाई गई। लोडर मशीन तक मौके पर नहीं भेजी गई, जिससे हालात और भी बिगड़ गए। इस लापरवाही की जानकारी जब जिलाधिकारी हरगिरी सिंह के संज्ञान में आई तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए कनिष्ठ अभियंता जितेश मलकानी और सहायक अभियंता आशीष रावत को निलंबित कर दिया। साथ ही, बिजली विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि आपदा और मानसून के दौरान सड़क व बिजली जैसी जरूरी सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी लापरवाही जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इस कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मानसून सत्र के दौरान किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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