इवेंट
*नैनीताल में भगवान बुद्ध के जीवन और आदर्शों पर विचारों का आदान-प्रदान*
नैनीताल: शिल्पकार सभा नैनीताल के तत्वावधान में बोधिसत्व गौतम बुद्ध की 2588वीं जयंती के अवसर पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष डॉ. रमेश चंद्रा ने की, जबकि संचालन महामंत्री राजेश लाल गांधी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘बुद्ध वंदना’ से हुई, जिसके बाद वक्ताओं ने भगवान बुद्ध के जीवन, शिक्षाओं और उनके दिखाए मार्गों पर अपने-अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर डॉ. रमेश चंद्रा ने अपने संबोधन में गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए चार आर्य सत्यों की चर्चा की — संसार में दुख है, दुख का कारण है, दुख का निवारण संभव है, और दुख से मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा कि दुख से मुक्ति के लिए बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग सुझाया, जिसमें सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक्, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयास, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि जैसे सिद्धांत शामिल हैं, जो आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं।
महामंत्री राजेश लाल गांधी ने कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में शांति और मानवता के लिए भगवान बुद्ध के पंचशील सिद्धांत पहले से अधिक आवश्यक हो गए हैं।
इस अवसर पर सभा के सलाहकार गिरीश चंद्र आर्य, एन.आर. आर्य, पी.आर. आर्य, डॉ. रमेश चंद्रा, राजेंद्र प्रसाद, कैलाश आगरकोटी, संजय कुमार, हेम चंद्र, राकेश कुमार शंभू, एडवोकेट तारा आर्य, अजय कुमार, मनीषा आर्य, राजेंद्र सिंह कुटियाल, जी.आर. टम्टा समेत अन्य सदस्यों ने भी कार्यक्रम में सहभागिता की और अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन शांतिपूर्वक वातावरण में हुआ।







