उत्तराखंड
*डॉ. जंतवाल ने याद दिलाई उत्तराखंड के क्षेत्रीय संघर्ष की गरिमा*
शहीद देव सुमन के बलिदान दिवस और उत्तराखंड क्रांति दल स्थापना दिवस पर पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने जताए विचार
टिहरी। उत्तराखंड के क्रांतिकारी नायक श्री देव सुमन के शहीद दिवस और उत्तराखंड क्रांति दल के स्थापना दिवस पर पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देव सुमन जी ने अपनी युवा अवस्था में आज़ादी और लोकतंत्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, जो हमेशा अमर रहेगा।
डॉ. जंतवाल ने बताया कि 25 जुलाई 1979 को मसूरी में एक ऐतिहासिक बैठक में उत्तराखंड के बेहतर भविष्य और राज्य निर्माण के लिए एक राजनीतिक दल की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसी के साथ उत्तराखंड क्रांति दल का जन्म हुआ, जिसने कठिन परिस्थितियों में उत्तराखंड के क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
पूर्व विधायक ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के स्थापना दिवस पर हम उन दूरदर्शी नेताओं, संघर्षशील साथियों और आम जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने जन-आन्दोलन को सफल बनाया। उन्होंने सभी उत्तराखंडवासियों को बेहतर समाज निर्माण के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि अभी भी चुनौतियां हैं, जिन्हें मिलकर ही पार किया जा सकता है।
डॉ. जंतवाल ने कहा कि राज्य के आम लोग दल के संघर्ष को भावनात्मक रूप से सम्मान देते हैं, जबकि यथास्थिति पसंद ताकतें दल के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास करती रही हैं। उन्होंने नकारात्मक प्रचार से जनता को सावधान रहने की भी अपील की। उनका कहना था कि उत्तराखंड क्रांति दल जनता का दल है, जो जन सरोकारों को लेकर निरंतर संघर्षरत है।
उन्होंने बताया कि राज्य आंदोलन के दौरान दल ने न केवल दिशा निर्धारित की, बल्कि राजधानी, भू कानून, मूल निवास और परिसीमन जैसे अहम मुद्दों को भी मजबूती से उठाया। इसके बावजूद कुछ ताकतें दल के योगदान को कमतर दिखाने का प्रयास करती रही हैं।
डॉ. जंतवाल ने कहा कि दिल्ली से सत्ता में आने वाले दल राज्य के मुद्दों को पूरी संवेदनशीलता से नहीं समझ पाते, इसलिए शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए जनता को राजनीतिक ताकत अपने हाथ में लेनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन और उसके बाद संघर्ष में हमारे कई साथी अब हमारे बीच नहीं हैं, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।



