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*राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में औषधीय पौधों के प्रोपेगेशन और संरक्षण के महत्व पर चर्चा*

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नैनीताल। डी एस बी परिसर के आर्ट्स ऑडिटोरियम में आज “मॉडर्न ट्रेंड इन मेडिसिनल प्लांट” पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन के पहले तकनीकी सत्र में पर्यावरण संस्थान कोसी अल्मोड़ा के वैज्ञानिक डॉ. के एस कनवाल ने ऑनलाइन माध्यम से औषधीय पौधों के प्रोपेगेशन और संरक्षण के महत्व पर चर्चा की।

डॉ. कनवाल ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में औषधीय पौधों की बढ़ती महत्वता को देखते हुए, इकोसिस्टम सेवाओं को सुधारने के लिए उनके संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लगभग 2500 प्रजातियाँ औषधीय पौधों के रूप में आयुर्वेद और होम्योपैथी में उपयोग की जाती हैं, और इनका संरक्षण आवश्यक है।

इस सत्र के दौरान पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आशीष पांडे ने कहा कि औषधीय पौधे अब ग्लोबल इकॉनमी का बड़ा हिस्सा बन चुके हैं। उन्होंने हिमालयी औषधीय पौधों और ग्लोबल टेम्पोरल इवोल्यूशन ट्रेंड के बारे में भी जानकारी दी। डॉ. पांडे ने यह भी बताया कि आजकल चीन में इन पौधों पर सबसे ज्यादा शोध हो रहा है, जबकि भारत विश्व का सबसे बड़ा हर्बल एक्सपोर्टर है।

द्वितीय सत्र में देहरादून के सचिन शर्मा, नैनीताल की मनीषा जोशी, गंगटोक की शिला सिंह, और अन्य विशेषज्ञों ने अपने प्रेजेंटेशन दिए।

कॉन्फ्रेंस के समापन पर निर्णायक टीम के सदस्य प्रो. आशीष तिवारी, प्रो. सुषमा टम्टा और प्रो. नीलू को शॉल ओढ़ाकर और उनका पोर्ट्रेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रो. ललित तिवारी और डॉ. हेम जोशी ने किया।

इस कार्यक्रम में विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के साथ सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। इसके अलावा, यू-कॉस्ट के निर्देशन में महिला प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार और मेडल दिए गए।

कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, प्रो. आशीष तिवारी, प्रो. सुषमा टम्टा, प्रो. नीलू सहित कई अन्य सम्मानित विशेषज्ञ और शैक्षिक प्रमुख उपस्थित रहे।

कॉन्फ्रेंस में डॉ. नवीन पांडे, डॉ. प्रभा, डॉ. हर्ष, डॉ. हिमानी, मनीषा पांडे, शिवांगी, पूजा गुप्ता, दिशा, हिमानी, वसुंधरा, आनंद, विशाल और सपना सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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