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उत्तराखंड

*उत्तराखंड बजट सत्र के दूसरा दिन राशन कार्ड और आंगनबाड़ी केंद्रों पर चर्चा*

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ, जिसमें विपक्ष ने सरकार को स्मार्ट मीटर और भू कानून जैसे अहम मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। इसके अलावा, कई विधेयकों को भी सदन के पटल पर पेश किया गया।

बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे शुरू हुई। राज्यपाल के बजट अभिभाषण के बाद प्रश्नकाल में विपक्ष ने सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल किए। कांग्रेस विधायक भुवन चंद कापड़ी, निर्दलीय विधायक उमेश कुमार समेत अन्य विपक्षी विधायकों ने स्वास्थ्य, युवा कल्याण, खेल, खाद्य आपूर्ति, महिला सशक्तिकरण, भू कानून और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा।

सदन में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने स्पष्ट कहा कि विपक्ष सरकार को किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बजट अभिभाषण में विपक्षी विधायकों की आवाज अनसुनी की और मनमानी की। प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि आज प्रश्नकाल में विपक्ष अपनी बात को जोरशोर से उठाएगा।

सदन के भीतर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट के बीच हुई नोकझोंक की निंदा की। प्रीतम सिंह ने कहा कि मंत्री ने विपक्ष पर बिना कारण आरोप लगाए और निंदनीय बयान दिए। उन्होंने मंत्री से संयम रखने और अपने पद की गरिमा बनाए रखने की अपील की।

विधायक प्रीतम सिंह ने राशन कार्ड न बनाए जाने का मुद्दा उठाया। खाद्य आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने जवाब दिया कि नए राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं, और कई कार्डों को निरस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि अंत्योदय अन्न योजना के तहत भी कार्ड निरस्त किए गए हैं, लेकिन नए कार्डों का निर्माण भी हो रहा है।

मंत्री रेखा आर्य ने यह भी बताया कि प्रदेश में 168 आंगनबाड़ी केंद्रों को स्वीकृति दी गई है, जहां कामकाजी महिलाएं अपने 6 माह से 6 साल तक के बच्चों को छोड़ सकती हैं।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर सवाल उठाए, जिसके बाद विपक्ष ने सदन की कार्यवाही रोकने की मांग की। इस मुद्दे को नियम 58 के तहत चर्चा के लिए लाया गया।

सदन के भीतर आज दूसरी बार तीखी बहस हुई। विधानसभा अध्यक्ष के कई बार समझाने के बावजूद मंत्री और विधायक अपनी बातों पर अड़े रहे। स्थिति को सामान्य करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हस्तक्षेप किया।

बसपा विधायक शहजाद की मांग पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि समाज के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व विधायकों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा। इसके साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रश्नकाल समाप्त हुआ।

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