उत्तराखंड
*धारी ब्लॉक में आरक्षण प्रक्रिया पर उठे सवाल, दिग्विजय सिंह बिष्ट ने सरकार पर लगाया अन्याय का आरोप*
भीमताल विधानसभा क्षेत्र के धारी ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए घोषित आरक्षण को लेकर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद के दावेदार दिग्विजय सिंह बिष्ट ने गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि धारी ब्लॉक को लगातार तीसरी बार आरक्षित कर दिया गया है, जबकि विधानसभा क्षेत्र के अन्य ब्लॉकों में सत्ता से जुड़े प्रभावशाली लोग अपने हिसाब से आरक्षण प्रक्रिया करवाते आ रहे हैं, जिससे उन ब्लॉकों के लोगों को जातीय और अन्य आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
दिग्विजय सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया कि संबंधित विभाग की आरक्षण नीति पूरी तरह से पक्षपाती है। धारी ब्लॉक में बार-बार महिला आरक्षण या जातीय आरक्षण के नाम पर आरक्षण दिए जाने से युवाओं और शिक्षित वर्ग के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो गया है। खासकर धारी ब्लॉक के क्षेत्र पंचायत सुंदरखाल ग्राम सभा में लगातार सीट आरक्षित होने से जनप्रतिनिधि विकास कार्य करने में असमर्थ रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे कई वर्षों से इस क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं और इस बार भी ब्लॉक प्रमुख पद के लिए दावेदारी प्रस्तुत की थी। लेकिन लगातार आरक्षण होने के कारण उनकी उम्मीदों को धक्का लगा है। दिग्विजय सिंह ने सरकार से आग्रह किया है कि धारी ब्लॉक की आरक्षित सीटों में बदलाव किया जाए ताकि युवा और शिक्षित वर्ग के लिए मौके बन सकें और क्षेत्र का विकास हो सके।
दिग्विजय सिंह ने कहा, “धारी ब्लॉक के कई युवा जो समाज सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं, ब्लॉक प्रमुख बनकर क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक विकास करना चाहते हैं। लेकिन बार-बार आरक्षण के कारण उनकी उम्मीदें टूट रही हैं।” उन्होंने कहा कि धारी ब्लॉक के पूर्व ब्लॉक प्रमुखों का कार्यकाल सफल रहा, पर भेदभावपूर्ण आरक्षण नीति से अन्य ब्लॉकों के लोग आरक्षण का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
उन्होंने डीपीआरओ कार्यालय जाकर धारी ब्लॉक की ब्लॉक प्रमुख सीट के आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराई है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि अगर उनकी आपत्ति पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे न्यायालय का रुख करने को मजबूर होंगे। उन्होंने सरकार से न्यायसंगत आरक्षण नीति अपनाने का आग्रह किया, जिससे सभी क्षेत्रों और वर्गों को समान अवसर मिल सके।
दिग्विजय सिंह बिष्ट ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस मामले में कोई उचित कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन करने से भी नहीं हिचकेंगे। उनका कहना है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि क्षेत्र के युवाओं और शिक्षित वर्ग के भविष्य का है।


