Connect with us

उत्तराखंड

*जनसुनवाई में उमड़ी भीड़, कुमाऊँ आयुक्त ने सुनी हर आवाज़, कई मामलों का तुरंत निपटारा*

Ad

 कुमाऊं आयुक्त एवं मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने हल्द्वानी में आयोजित जनसुनवाई में भाग लिया। जनसुनवाई में उन्होंने अंतिम पंक्ति तक पहुंचते हुए प्रत्येक शिकायतकर्ता की बात गंभीरता से सुनी और अधिकतर मामलों का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया।

जनसुनवाई में लोगों ने पारिवारिक विवाद, पैतृक संपत्ति में नाम दर्ज कराने, अतिक्रमण, आर्थिक सहायता, चेक बाउंस जैसे विभिन्न विषयों पर शिकायतें दर्ज कराईं। सबसे अधिक शिकायतें भूमि विवाद से संबंधित रहीं।

इस पर आयुक्त ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि भूमि क्रय करने से पहले उसकी स्थिति की पूरी जांच जरूर करें। उन्होंने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भूमि पर कोई ऋण न हो और वह भूमि ‘भूमि सीलिंग अधिनियम’ के अंतर्गत न आती हो। साथ ही उन्होंने भूमि एग्रीमेंट को गहराई से पढ़ने और हस्ताक्षर करने से पहले उसकी शर्तों को अच्छी तरह समझने की सलाह दी। भूमि खरीद के बाद चाहरदीवारी और भवन निर्माण कराने की भी बात कही, ताकि अवैध कब्जे से बचा जा सके।

आवारा पशुओं की समस्या पर आयुक्त ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जिन पशु पालकों द्वारा जानबूझकर अपने मवेशियों को सड़कों पर छोड़ा जाता है, उनका चिन्हीकरण कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।

जनसुनवाई में अमीनुर्रहमान, निवासी हल्द्वानी ने बताया कि हल्द्वानी खास स्थित नजूल बाग क्षेत्र में उनके स्वामित्व वाली भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से दुकानें बना ली हैं। इस पर आयुक्त ने उपजिलाधिकारी, हल्द्वानी को जांच कर शीघ्र आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

वहीं, अल्मोड़ा निवासी पाना देवी, सीमा, हेमा देवी, दीवान सिंह और गोपाल सिंह ने ग्राम भगवंतपुर, काशीपुर में खरीदी गई भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की। उन्होंने बताया कि भूमि फसल के लिए भू-स्वामी को दी गई थी, लेकिन बाद में हरि प्रसाद ने उस पर कब्जा कर लिया। इस पर आयुक्त ने उपजिलाधिकारी, काशीपुर को जांच के आदेश दिए और आगामी शनिवार को सभी संबंधित पक्षों को तलब किया।

इसके अलावा ज्योति जोशी (ग्राम चापड़, मौना) ने लोनिवि की भूमि पर तारबाड़ हटाने, भूपेंद्र कौर (बाजपुर) ने भूमि पर से रोक हटवाने, लीलाधर सुयाल (ज्योलीकोट) ने भूमि की रजिस्ट्री से जुड़ी समस्या और विमल बिष्ट (जज फार्म) ने खरीदी गई भूमि की जगह दूसरी भूमि दिए जाने की मांग रखी।

Ad
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखंड