उत्तराखंड
*प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड, स्वच्छता और फिट इंडिया मूवमेंट को सशक्त बनाने के लिए सीएम धामी के कड़े निर्देश*
उत्तराखण्ड को प्लास्टिक मुक्त बनाने, स्वच्छता को बढ़ावा देने और फिट इंडिया मूवमेंट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश दिए। नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन से वर्चुअल बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड अभियान को जन जागरूकता और जनसहभागिता के साथ एक मिशन की तरह चलाया जाए। इस अभियान में स्कूलों, कॉलेजों, एनजीओ, और व्यापारिक संगठनों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाए, ताकि पर्यावरण और जैव विविधता का संरक्षण किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वच्छता के उच्च मानक स्थापित करने, डोर टू डोर कूड़ा संग्रहण को शत प्रतिशत सुनिश्चित करने और लोगों को गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने के लिए और अधिक जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया जाए और निकाय चुनाव के बाद निर्वाचित पदाधिकारियों के साथ जल्द एक बैठक आयोजित की जाए।
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम समेत अन्य धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर प्लास्टिक कचरे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था की बात भी कही, जिससे कचरा प्रबंधन में मदद मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में स्वच्छता सुनिश्चित की जाए और स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों की घोषणा ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जाए।
फिट इंडिया मूवमेंट को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिदिन योग और व्यायाम की गतिविधियां आयोजित करने और ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से संतुलित आहार और जागरूकता शिविरों का आयोजन करने की भी बात की, ताकि लोग स्वस्थ आहार को प्राथमिकता दें और जंक फूड के दुष्प्रभावों से बचें।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त अभियान चलाने और मिलावटखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात भी की। इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, रविनाथ रमन, चन्द्रेश यादव, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव विजय जोगदंडे, निदेशक शहरी विकास नीतिका खण्डेलवाल और अपर निदेशक डॉ. ललित नारायण मिश्रा भी मौजूद थे।
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