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उत्तराखंड

*आतंक का सबब बने बाघ को पकड़ने के लिए लगे कैमरे, ड्रोन की मदद से ट्रेप कर रही रेस्क्यू टीम*

रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व की बिजरानी रेंज के अर्न्तगत ग्राम कानियों और उसके समीपवर्ती इलाके में लगातार बाघ की दस्तक देखी जा रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। बाघ अब तक पांच मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। इस बीच बाघ के आतंक से निजात के लिए कार्बेट प्रशासन ने वन विभाग के साथ मिलकर गश्त शुरू कर दी है। इसके लिए कैमरों और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है।

कॉर्बेट प्रशासन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बाघ प्रभावित क्षेत्र में बाघ द्वारा गौवंशीय पशुओं पर हमले की कर 5 घटनायें हुई हैं, जिसमें मवेशी स्वामी को नियमानुसार मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली के तहत मुआवजा राशि भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व तथा तराई पश्चिम वन प्रभाग के द्वारा निरन्तर दिन-रात्रि संयुक्त गश्त की जा रही है तथा स्थानीय ग्रामीणों के साथ जनसम्पर्क स्थापित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के दृष्टिगत सर्तकता बरतने की अपील भी की जा रही है। ऐसे में मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के दृष्टिगत स्थानीय स्टाफ द्वारा बिजरानी रेंज, कार्बेट टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र तथा उसके समीप अवस्थित ग्रामों से जुड़े वन क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप लगाकर, पैदल गश्त तथा ड्रोन के माध्यम से दिन तथा रात्रि में लगातार क्षेत्र में निगरानी कार्य किया जा रहा है।

सघन निगरानी के फलस्वरूप उक्त घटनाओं के लिए जिम्मेदार बाघ को चिन्हित कर लिया गया है, तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड से उक्त चिन्हित बाघ को ट्रैकुलाईज कर क्षेत्र से पकड़ कर हटाने की अनुमति प्राप्त कर ली गई है। ग्राम कानियों एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के त्वरित कार्यवाही दल (QRT) तथा रेस्क्यू टीम तैनात कर दी गई है ताकि तत्काल उक्त घटनाओं हेतु चिन्हित बाध को पकड़कर क्षेत्र से हटाया जा सके। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की जनमानस से अपील है कि चिन्हित बाघ के पकड़े जाने तक प्रभावित क्षेत्र में सूर्योदय से पूर्व एवं सूर्यास्त के पश्चात ग्रामीण अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर ना निकलें। घरों के आस-पास झाडी आदि की सफाई तथा प्रकाश व्यवस्था को सुचारू रखें तथा बाघ की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति के सम्बंध में कोई भी सूचना मिलने पर अथवा किसी भी आपात स्थिति में तत्काल स्थानीय स्टाफ को सूचित करें।

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