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उत्तराखंड

*कुमाऊं में खराब मौसम से किसानों को बड़ा नुकसान, नदियों का जलस्तर बढ़ा*

उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। बीते 24 घंटों से राज्य के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राजधानी देहरादून समेत मसूरी, नैनीताल और कुमाऊं के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं का सिलसिला जारी है।

मसूरी स्थित प्रसिद्ध कैंपटी फॉल के उफान पर आने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। झरने के तेज बहाव के साथ मलबा दुकानों में घुस गया, जिससे व्यवसाय प्रभावित हुआ। वहीं, देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में सोंग नदी में अचानक आए मलबे के कारण जलस्तर तेज़ी से बढ़ गया, जिससे खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई।

कुमाऊं क्षेत्र में मौसम की मार सबसे अधिक किसानों पर पड़ी है। नैनीताल जिले के ओखलकांडा, धारी और रामगढ़ ब्लॉकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से आड़ू, प्लम, खुबानी, गेहूं, मसूर, मटर और आलू की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। स्थानीय किसानों ने बताया कि मौसम की अचानक मार ने सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इससे न केवल उनकी आय पर असर पड़ा है, बल्कि आजीविका पर भी गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने अगले 24 घंटों के लिए पर्वतीय जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें तेज बारिश, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली गिरने और 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। वहीं, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां आंशिक गरज-चमक और तेज हवाएं चलने की संभावना है।

राजधानी देहरादून में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। एक-दो दौर की हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बिजली चमकने और झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।

प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा कर रहे लोगों को सतर्क रहने और मौसम की अपडेट पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है। नदी-नालों के समीप न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने का निर्देश भी जारी किया गया है।

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