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उत्तराखंड

*स्कूलों की मनमानी पर प्रहारः प्रशासन की सख्ती से खुला फीस बढ़ोतरी का खेल*

उत्तराखंड सरकार के सख्त रुख और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में देहरादून जिला प्रशासन शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार कार्यवाही कर रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली और मान्यता के उल्लंघन जैसे मामलों पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई गई है।

इस कड़ी में जिले के भानियावाला स्थित द प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल पर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए ₹5,20,000 का जुर्माना लगाया है। स्कूल पर यह कार्रवाई बिना मान्यता नवीनीकरण के संचालन और फीस वृद्धि की अभिभावकों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कूल की मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर 100 से अधिक अभिभावकों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। इसके बाद डीएम सविन बंसल ने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के समक्ष स्कूल प्रबंधन को तलब किया। लेकिन स्कूल प्रबंधन बार-बार बुलाने के बावजूद उपस्थित नहीं हुआ।

जांच में सामने आया कि स्कूल को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई के लिए मार्च 2020 से मार्च 2025 तक की मान्यता दी गई थी। लेकिन निर्धारित अवधि समाप्त होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने मान्यता के नवीनीकरण के लिए कोई आवेदन नहीं किया। इसके बावजूद विद्यालय का संचालन किया जा रहा था।

इस उल्लंघन पर प्रशासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 18(5) के तहत कार्रवाई करते हुए स्कूल पर ₹10,000 प्रतिदिन के हिसाब से 1 अप्रैल 2025 से 22 मई 2025 तक कुल 52 दिनों के लिए ₹5,20,000 का जुर्माना लगाया है।

प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वे इस शास्ति की राशि पत्र प्राप्त होने के तीन कार्यदिवस के भीतर जमा करें। निर्धारित समयावधि में भुगतान न करने की स्थिति में यह राशि भू-राजस्व की तरह वसूली जाएगी।

जिला प्रशासन की इस सख्ती के बाद जिले के कई अन्य नामी-गिरामी स्कूल भी अब फीस बढ़ोतरी के मामलों में बैकफुट पर आ गए हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब प्रशासन ने शिक्षा माफियाओं के खिलाफ सीधे एक्शन लेकर उनका मनोबल तोड़ा है।

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