उत्तराखंड
*वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन पर जताया शोक, न्यायिक कार्यो से विरत रहे अधिवक्ता*
नैनीताल। जिला बार संघ के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप मौनी का मंगलवार देर रात निधन हो गया। 76 वर्षीय मौनी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से नैनीताल के अधिवक्ता समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। बुधवार को जिला न्यायालय परिसर में शोक सभा का आयोजन कर अधिवक्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, दिवंगत अधिवक्ता के सम्मान में सभी न्यायिक कार्य स्थगित रखे गए।
बुधवार को स्व. प्रताप मौनी का अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित घाट पर पूरे विधि-विधान से किया गया। वे अपने पीछे पत्नी, तीन बेटियां और एक पुत्र छोड़ गए हैं। उनका पुत्र भानु प्रताप मौनी स्वयं अधिवक्ता हैं और जिला बार संघ के पूर्व सचिव भी रह चुके हैं।
स्व. मौनी का अधिवक्ता क्षेत्र में लंबा और गौरवशाली अनुभव रहा है। वे सिविल, राजस्व और फौजदारी मामलों के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते थे। उनका नैतिक आचरण, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और गहन विधिक ज्ञान, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत था।
उनके निधन पर जिला बार अध्यक्ष भगवत प्रसाद, सचिव दीपक रुबाली, उत्तराखंड बार काउंसिल अध्यक्ष महेन्द्र सिंह पाल, डीजीसी घनानंद बर्थवाल, तथा अधिवक्ता समुदाय के अनेक वरिष्ठ व कनिष्ठ सदस्यों सहित न्यायिक अधिकारियों ने गहरा दुख व्यक्त किया।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से मनीष मोहन जोशी, नीरज साह, ओंकार गोस्वामी, राजेन्द्र कुमार पाठक, हरिशंकर कंसल, राजेश चंदोला, ज्योति प्रकाश बोरा, अरुण बिष्ट, सुशील कुमार शर्मा, राजेन्द्र सिंह मेहरा, पंकज सिंह बिष्ट, शंकर चौहान, प्रीति साह, सबीना उस्मान, मंजू कोटलिया, संजय सुयाल, राजेश त्रिपाठी, गोपाल सिंह कपकोटी, देवेंद्र मुनगली, बलवंत सिंह थलाल, कैलाश ब्ल्यूटिया, शरत साह, नवीन पंत, भरत भट्ट, प्रमोद तिवारी, गिरीश जोशी, महेश सुयाल, नीलेश भट्ट, यशवंत सिंह बिष्ट, राजेश टंडन, अखिलेश साह, राजेन्द्र परगाई, दयाकिशन पोखरिया, गिरीश बहुखंडी, अनिल हर्नवाल, सुभाष जोशी, शिवांशु जोशी, भगवत जंतवाल, तरुण चंद्रा, उमेश कांडपाल, दिग्विजय मेहरा, आनंद कनवाल, हितेश पाठक आदि शामिल रहे।







