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उत्तराखंड

*प्रशासनिक विवाद ने पकड़ा तूल, नगर पालिका और गढ़वाल जल संस्थान आमने-सामने*

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उत्तराखंड में पहाड़ों की रानी मसूरी इन दिनों नगर पालिका और गढ़वाल जल संस्थान के बीच गहराते विवाद को लेकर सुर्खियों में है। दोनों विभागों के बीच तनातनी इस कदर बढ़ गई है कि अब मामला उच्च अधिकारियों की बैठक तक पहुंच चुका है। विवाद की जड़ एक स्टाफ रूम पर कथित कब्जा और नगर पालिका कर्मचारियों के जल कनेक्शन काटने की कार्रवाई से जुड़ी है।

जानकारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब नगर पालिका का एक कर्मचारी गढ़वाल जल संस्थान के स्टाफ रूम में पहुंचा। जल संस्थान का आरोप है कि उक्त कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक आदेश के कमरे पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा था। संस्थान के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर कमरे में रखा सामान बाहर निकाल दिया और रूम को दोबारा अपने नियंत्रण में ले लिया।

इस घटना के बाद नगर पालिका प्रशासन ने जल संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए। अधिशासी अधिकारी तंवीर महवाह ने कहा, “जल संस्थान ने बिना पूर्व सूचना के हमारे कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काट दिए, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हमने संस्थान को नगर पालिका की भूमि पर कार्यालय संचालन की अनुमति दी थी, लेकिन अब वही संस्थान हमारे कर्मचारियों को परेशान कर रहा है। यह पूरी तरह अनुचित और निंदनीय है।”

गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने घटना पर सफाई देते हुए कहा, “पालिका का एक कर्मचारी हमारे स्टाफ रूम पर अवैध कब्जा करना चाहता था। वह बिना किसी अधिकृत आदेश के कमरे में घुसने की कोशिश कर रहा था। हमारी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रूम को अपने नियंत्रण में ले लिया। ऐसी स्थिति को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता।”

तनाव के बीच राहत की बात यह रही कि दोपहर बाद जल संस्थान द्वारा काटे गए जल कनेक्शन दोबारा जोड़ दिए गए। हालांकि, विभागों के बीच विवाद अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामला अब उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया है और आगामी सोमवार को एक अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नगर पालिका और जल संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठकर पूरे मामले की समीक्षा करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

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