उत्तराखंड
शोधार्थियों को देश एवं प्रदेश को ध्यान में रखकर शोध कार्य करना चाहिए, जिससे कि स्थानीय लोगों को लाभ मिले – डॉ धन सिंह रावत
ऋषिकेश ।पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश में गणित विभाग द्वारा गणित में वर्तमान उन्नतिया एवं उसके अंतरविषयक क्षेत्रों में अनुप्रयोग विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया I जिसमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, रोमानिया, सऊदी अरब, ताइवान, तंजानिया, तुर्की और भारत केअनेको अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञो के द्वारा व्याख्यान एवं शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र भौतिक एवं आभासीय माध्यम से प्रस्तुत किए गए , कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय डॉ धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड एवं अध्यक्षता प्रो एन के जोशी, कुलपति श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा की गई,सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय धन सिंह रावत, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी, परिसर के प्राचार्य प्रो महावीर सिंह रावत,गणित विभाग की विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी संयोजक ,प्रो अनीता तोमर, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष प्रो कंचन लता सिन्हा डॉ गौरव वार्ष्णेय, आयोजक सचिव द्वारा दीप प्रज्वलित एवं सरस्वती वंदना के द्वारा किया गया Iपरिसर के प्राचार्य प्रो महावीर सिंह रावत द्वारा देश-विदेश से सम्मिलित हुए गणितज्ञो का इस गणित महाकुंभ में विश्वविद्यालय की और से हार्दिक स्वागत किया अपने संबोधन में उन्होंने कहा मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए गणित शिक्षण का अत्यंत महत्व है। जैसे ही गणित की कोई समस्या आपके समक्ष आती है तो आपका मस्तिष्क समस्या को समझने तथा उसे हल करने में क्रियाशील हो जाता है। गणित की हर समस्या के लिए मानसिक प्रयास की आवश्यकता होती है मुख्य अतिथि माननीय डॉ धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड द्वाराअपने संबोधन में आयोजक मंडल को इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा प्राचीन समय में हमारी शिक्षा व्यवस्था एक उच्च स्तर की शिक्षा व्यवस्था थी वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य यही है वर्तमान समय में प्रदेश के विश्वविद्यालयों को कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए शिक्षा के क्षेत्र में गणित का अत्यधिक महत्व है। गणित का हमारे दैनिक जीवन में गणित के संबंध है। आधुनिक युग में सभ्यता का आधार गणित ही है। मातृभाषा के अलावा ऐसा कोई विषय नहीं है जो दैनिक जीवन में इतना अधिक संबंधित हो। गणित को व्यापार का प्राण एवं विज्ञान का जन्मदाता माना जाता हैउन्होंने अहवान किया की शोधार्थियों को देश एवं प्रदेश में ध्यान में रखकर शोध कार्य करना चाहिए, जिससे कि स्थानीय लोगों को लाभ मिले, वर्तमान समय में छात्रों की घटती संख्या एक चिंतनीय विषय है I राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जितनी अहम भूमिका एक प्राध्यापक की है उतनी ही भूमिका अभिभावक की भी है I उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी ने विश्वविद्यालय के लिए ऑडिटोरियम, मानक के अनुसार पदों के प्रस्ताव को उच्च शिक्षा भेजने के लिए कुलपति से कहा और उन्होंने कहा कि हम अगले सत्र में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन करवाएंगे श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को धन की कमी नहीं होने देंगे हमारा उद्देश्य 2024 तक 50% लोगों को उच्च शिक्षा ग्रहण कराना है प्रो एन के जोशी, कुलपति श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा आधुनिक युग विज्ञान का युग है। आर्थिक तथा सामाजिक प्रगति भी विज्ञान की ही देन है परंतु विज्ञान भी गणित के बिना नहीं चल सकता। इसी कारण से गणित का पाठ्यक्रम में विशिष्ट स्थान है। आर्थिक क्षेत्र में व्यवसाय, उद्योग, यातायात, कृषि व्यापार आदि में से कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो कि गणित के बिना चल सके। स्वयं विज्ञान भी गणित पर आधारित है। समाज में प्रगति के लिए भी गणित का ज्ञान आवश्यक हो जाता है।साथ ही उन्होंने प्राचीन ग्रंथों में वर्णित गणितीय विषय एवं भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट आर्यभट्ट, वरहमीर, भास्कराचार्य के योगदान पर विस्तृत चर्चा की, विभागाध्यक्ष एवं संगोष्ठी की संयोजिका प्रो अनीता तोमर द्वारा संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा की सेमिनार ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही मोड में आयोजित किया जा रहा है इसके 4 तकनीकी सत्र होंगे जिसमें विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे इस कार्यशाला में प्रो वी के कटियार, पतंजलि विश्वविद्यालय, प्रो मधु जैन, आई आई टी रूडकी, प्रो कोंस्तांतिन डोर्फ़मैन, हैनान विश्वविद्यालय चीन,प्रो निहाल टस, बालिकसर विश्वविद्यालय, टर्की, प्रो थाबेट अब्देलजवाड, प्रिंस सुल्तान विश्वविद्यालय , सऊदी अरब, प्रो मोहम्मद साजिद, कासिम यूनिवर्सिटी, सऊदी अरब,प्रो लिलियाना गुरान, अरद यूनिवर्सिटी रोमानिया, प्रो अर्सलन अंसारी, ईरान, प्रो जया उप्रेती, अल्मोड़ा, प्रो संतोष कुमार, तंजानिया, प्रो राजिंदर शर्मा, ओमान, प्रो हेमंत कलिता, असम डॉ इजहार अहमद प्रो एस के पलडिया ने गणित में वर्तमान उन्नतियां एवं इसके अंतर्विषयक क्षेत्रों में अनुप्रयोग विषय पर व्याख्यान दिए|और और 70 से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया इस अवसर पर कांफ्रेंस की सारांश पुस्तिका एवं स्मारिका का विमोचन भी मुख्य अतिथि के द्वारा किया गया| विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा, द्वारा आभार व्यक्त किया गया इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री खेमराज भट्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो विजय प्रकाश श्रीवास्तव, वित्त अधिकारी प्रो चतर सिंह नेगी, डॉ धीरेंद्र सिंह यादव, प्रो दीपा शर्मा, प्रो वाई के शर्मा, प्रो पुष्पांजली आर्या प्रो शांति प्रकाश सती, प्रो देवमणि त्रिपाठी, प्रो डी के पी चौधरी, प्रो संगीता मिश्रा, प्रो वी डी पांडे, डॉ विनीत कुरियाल आदि उपस्थित रहे I