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उपलब्धि : नैनीताल क़े बेटे धीरज चंद्रा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) काशीपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होकर बढ़ाया सरोवर नगरी का मान
नैनीताल।डॉ. धीरज चंद्रा ने अपनी मेहनत और लगन से देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) काशीपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होकर जिले का नाम रोशन किया है। 16 उम्मीदवारों में टॉपर होने पर, आईआईएम काशीपुर के निदेशक ने व्यक्तिगत रूप से डॉ. धीरज को इस उपलब्धि पर बधाई दी। मूल रूप से नैनीताल के रहने वाले और वर्तमान में डेहरिया हल्द्वानी के रहने वाले धीरज बचपन से ही होनहार और मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सनवाल स्कूल नैनीताल और भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय नैनीताल से पूरी की। अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। गेट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बाद, उन्हें आईआईटी दिल्ली के एमटेक औद्योगिक इंजीनियरिंग कार्यक्रम के लिए चुना गया। कुछ वर्ष बैंगलोर में एमएनसी में नौकरी करने के बाद उन्होंने आईआईटी रुड़की में पीएचडी में दाखिला लिया और 2019 में सप्लाई चैन मैनजेमेंट विषय में अपनी पीएचडी परीक्षा उत्तीर्ण की। पीएचडी करने के बाद उन्होंने कुछ वर्षो तक आईआईटी कानपूर में पोस्टडॉक्टोरल फेलो के पद पर रह कर रिसर्च करी । उनके रिसर्च आर्टिकल कई इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हो चुके है। उनका चयन दूसरे आईआईटी एवं आईआईएम में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए भी हुआ है, हालाँकि, उन्होंने उत्तराखंड राज्य की वृद्धि और विकास के लिए आईआईएम काशीपुर में शामिल होने का फैसला किया है। उनके पिता डीआर आर्य एसबीआई भीमताल से सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त है और माता चन्द्रकला गृहिणी है। व ससुर भुवन आर्य पूर्व कबीना मंत्री यशपाल आर्य के जनसम्पर्क अधिकारी है साथ ही धीरज की पत्नी यशस्वी ने गेट क़्वालिफाई करके पीएचडी कर रही हैँ। धीरज की सफलता से क्षेत्र व परिवार में खुशी की लहर है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, अपने माता पिता, पत्नी, एवं शिक्षकों को देते है।