देश
मेरी आवाज़ ही पहचान हैं… सुर कोकिला भारतरत्न लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन।
-संघर्ष से सफलता तक का सफर।
-परिवारिक जिम्मेदारी के चलते नही की शादी।
-मधुबाला से माधुरी तक को दी आवाज़।
-2001 में भारतरत्न
नैनीताल।सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया ।वह 8 जनवरी से ब्रीच कैंडी अस्तपाल में कोविड संक्रमण के चलते भर्ती थी । पूरे देश मे शोक की लहर है ,पीएम मोदी के साथ देश के दिग्गजो ने किया शोक व्यक्त।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में था ,मध्य प्रदेश के इंदौर के पंडित दीनानाथ मंगेशकर की सबसे बड़ी बेटी लता ,उनका पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था ,मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे थे. उनके पिता रंगमंच के मशहूर कलाकार और गायक थे।
लता मंगेशकर जब सात साल वर्ष की आयु में महाराष्ट्र आ गयी और पांच साल की उम्र से पिता के साथ रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू किया , लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं , पिता को शास्त्रीय संगीत बेहद पसंद था. इसीलिए वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे 1942 में पिता के देहांत के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और परिवार चलाने के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाने लगी,
पहली बार13 साल की उम्र में मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे, इसे वह अपनी पहली कमाई मानती थीं लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ में गाना गाया,लता मंगेशकर का पूरा जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित था ,घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं ,लता मंगेशकर को अनेको सम्मानों से सम्मानित किया व 2001 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था ।
लाता मंगेशकर ने मधुबाला से लेकर माधुरी दीक्षित तक के लिए हिट से हिट गाने दिए। छः दशक तक एक छत्र राज किया व तकरीबन 30 हज़ार गाने गाए।आज सबकी आँखे कर इस दुनियां को अलविदा कह गयीं।