उत्तराखंड
जज साहब! अब आप ही मुझे न्याय दिला सकते हैं, शासन प्रशासन पर नहीं रहा विश्वास, सिसकियां लेते हुए बोली अंकिता भंडारी की माँ,
नैनीताल। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में न्याय न मिलने से आहत मृतका अंकिता के परिजनों ने अब न्याय के लिए हाई कोर्ट में गुहार लगाई है । जिस मामले में दायर याचिका में गुरूवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।इस दौरान हत्याकांड मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से गठित एसआईटी पर मृतका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए मामले में सीबीआई जांच की मांग की हैं।
पौड़ी जिले के अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में सरकार द्वारा गठित एसआईटी की टीम द्वारा की गई जांच पर सवाल उठाते हुए मृतका अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि मामले में एसआईटी की टीम सरकार के दबाव में जान-बूझकर लीपापोती कर रही है, उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच जिस अधिकारी को सौंपी गई है वह ईमानदार छवि की अधिकारी है लेकिन उन पर भी सरकार की ओर से दबाव डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा डीएम पौड़ी व एसपी का तबादला करना करना सब कुछ मिलीभगत के तहत किया गया है , ताकि केस को दबाया जा सके।
इतना ही नहीं नए डीएम और एसपी की तैनाती भी जानबूझकर की गई है, उन्होंने कहा कि सरकार से न्याय न मिलने और जांच में संदेह होने के बाद उन्होंने अपनी बेटी के न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है।
जिसपर उन्होंने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
वहीं अंकिता की मां सोनी देवी अब तक अपनी बेटी की मौत के सदमे से उभर नहीं पाई हैं, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी मृतका की मां रोते हुए अपनी बेटी के लिए न्याय की गुहार लगाती रही।
इस मामले में बोलते हुए अंकिता की मां ने कहा की घटना के सवा महीना बीत जाने के बाद भी उनकी बेटी को न्याय नहीं मिल पाया हैं, जिसपर उनका शासन और प्रशासन से विश्वास उठ चुका है, और अब उन्हें हाईकोर्ट से ही न्याय की उम्मीद है।
उन्होंने कहा की उनकी बेटी की सिसकियां उन्हें सोने नहीं देती, उनकी बच्ची को दरिंदों ने मार डाला और सरकार उन्हीं को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है, कहा की साजिश के तहत सबूतों को मिटाया जा रहा है, और वह एसआईटी की जांच से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है और हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हैं।
वही अंकिता हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आशुतोष नेगी ने कहा की घटना की जांच में शुरू से ही साक्ष्य मिटाने का कार्य किया जा रहा है, फिर चाहे वह घटना के तुरंत बाद रिसोर्ट में बुलडोजर चलाना हो अंकिता के कमरे को तोड़ना हो या आरोपी की फैक्ट्री में आग लगना सब कुछ साजिश के तहत किया गया है,उन्होंने कहा की फैक्ट्री में भी घटना से जुड़े साक्ष्य हो सकते हैं, लेकिन उसे आग के हवाले कर दिया गया। बताया कि आज हाईकोर्ट ने एसआईटी से इस घटना कांड से जुड़े सभी सबूतों और फॉरेंसिक तथ्यों को हाई कोर्ट में पेश करने को कहा है बताया की मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।