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नैनीताल

पार्वतीय क्षेत्रों में आपदाओं के जोखिम को न्यून करने हेतु नैनीताल के एटीआई में राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 20 व 21 अक्टूबर को

नैनीताल। सरोवर नगरी में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान,गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय 20-21अक्टूबर को “Reducing Risk & Building Resilience : Capacity Building in the Mountain States”विषयक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके संबंध मे आज डॉ० आर. एस. टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी के महानिदेशक बीपी पांडे, प्रकाश चन्द्र,अधिशासी निदेशक, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान, के नोडल अधिकारी प्रो संतोष कुमार एव अपर जिलाधिकारी शिवचरण दिवेदी द्वारा पत्रकारो को विस्तार से कार्यशाला की जानकारी दी गयी उन्होंने बताया देश के विभिन्न राज्यों (उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, आसाम, मिजोरम,त्रिपुरा, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा) से लगभग 400 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के विभिन्न आयामों यथा- प्रदेश को आपदा रोधी, अवस्थापनाओं का सुदृढ़ीकरण, भूकम्प अवरोधी भवन निर्माण करना,आपदाओं के जोखिम को न्यून करने हेतु नीतियाँ एवं योजनाऐं विकसित करना, इसी के साथ-साथ खोज एवं बचाव दलों को अत्यधिक कौशलपूर्ण बनाना, मा० प्रधानमंत्री जी द्वारा आपदा प्रबन्धन हेतु दिये गये। एजेन्डा बिन्दुओं पर रणनीति बनाना है। साथ ही अकादमी, नैनीताल में भारत के उत्तरी पर्वतीय राज्यों हेतु एक उच्च कोटि स्तर का प्रशिक्षण के रूप में संस्थान उन्नयन करना है, जहाँ विभिन्न राज्यों की आपदा की

संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ठोस रणनीति विकसित करके एक सुरक्षित और आपदा प्रबन्धन में निपुण / सक्षम व्यवस्था का निर्माण करना है।

कार्यशाला में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अतिथि वार्ताकारों द्वारा सम्बोधित किया जायेगा। उक्त

प्रशिक्षण कार्यशाला उद्घाटन मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व रक्षा / पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा अपनी सहमति प्रदान की गयी है।

कार्यशाला में देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों से अतिथि वार्ताकारों द्वारा अपने अनुभवों को साझा

किया जायेगा तथा त्रिशूल भवन के विभिन्न सभागारों में सत्रों का संचालन पैनल वार्ता के माध्यम से किया जायेगा। अतिथि वार्ताकारों में पद्मश्री चण्डी प्रसाद भट्ट, पर्यावरणविद् ओ.पी. मिश्रा, निदेशक, भूविज्ञान, नई दिल्ली, ए.के. सिंह, पूर्व अपर मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश, श्री इन्दु कुमार पाण्डे, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड, प्रो० संतोष कुमार, एन.आई.डी.एम. दीपक सिंह, विशेषज्ञ, वर्ल्ड बैंक, गुरदीप सिंह,चेयरमेन / प्रबन्ध निदेशक, एन.टी.पी.सी., नई दिल्ली, प्रो० शेखर पाठक, प्रोफेसर (रि०), कुमाऊँ विश्वविद्यालय,नैनीताल, प्रो0 अजय रावत, प्रोफेसर (रि०), कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल सहित उत्तराखण्ड शासन / प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित रहेंगे तथा कार्यक्रम समन्वयक के रूप में डॉ० ओम प्रकाश, डॉ० मंजू पाण्डे एवं श्री अली हैदर, एन.आई.डी.एम. के अतिरिक्त आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ एवं अकादमी के समस्त संकाय व कार्मिक भी सम्मिलित होंगे।

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