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नैनीताल

बदहाल :गर्भवती को कुर्सी में रख 3 घंटे बारिश में 5किमी पैदल चले,समय से नहीं पहुंच पाए अस्पताल, सड़क पर भीगते हुए गर्भवती ने बच्चे को दिया जन्म

नैनीताल। पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने व ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का वादा करने वाली सरकार उत्तराखण्ड राज्य गठन के 21 साल बाद भी कुछ नही कर पाई है। आज भी कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं व सड़क दोनों का ही आभाव है जिसके चलते ग्रामीण मरीजों को डोली कुर्सी या चारपाई के सहारे मुख्य मार्ग तक लेकर आते हैं।

ऐसा ही एक गांव है नैनीताल मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूरी पर स्थित जहां से गर्भवती महिला को कुर्सी में बांधकर ग्रामीण मुख्य मार्ग तक ला रहे थे की इस बीच गर्भवती महिला ने बच्चे को जंगल में ही जन्म दे दिया। जिसके बाद महिला को एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल तक पहुचाया गया।

बता दें कि दिल्ली से नैनीताल को जोड़ने वाले एनएच 87 में ज्योलिकोट भुजीयघाट से लगभग 5 किलोमीटर दूर पैदल मार्ग में भल्यूटी गांव बसा है। यहां सड़क नहीं होने के कारण बेशुमार समस्याएं हैं। बुधवार शाम यहां एक गर्भवती महिला को अचानक दर्द उठने के बाद ग्रामीण उसे कुर्सी में बांधकर सड़क तक ला रहे थे की अचानक महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को जैसे तैसे सड़क पर खड़ी चढ़ाई से मुख्य मार्ग तक लाया गया। और एम्बुलेंस के माध्यम से जच्चा बच्चा को अस्पताल तक ले जाया गया। जहां पर दोनों स्वस्थ्य बताए जा रहें है। वही जंगल के बीच इस घटना ने आजाद हिंदुस्तान में हो रहे विकास पर कई सवाल खड़े कर दिए है।

इस क्षेत्र की पंचायत सदस्य मुन्नी जीना, कुंदन सिंह जीना और पूर्व जिला पंचायत सदस संजय शाह ने बताया की गांव में ऐसा तो आए दिन होता रहता है । कई लोगों को समय पर उपचार नहीं मिलने से मौत भी हो जाती है । जिस ग्रामीणों ने जल्द क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की है।

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