उत्तराखंड
सीमांत क्षेत्र से बिना प्रतिस्थानी के न हो शिक्षक कार्यमुक्त विधायक धामी, जिपंस मर्तोलिया हुए मुखर देहरादून तथा पिथौरागढ़ में लिखे गए पत्र
मुनस्यारी।प्रदेश में एलटी ग्रेड शिक्षकों के बम्पर तबादलों से सीमांत के स्कूलों के खाली होने से डर से क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी ने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री तो जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिलाधिकारी तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर बिना प्रतिस्थानी के एक भी शिक्षक को कार्यमुक्त नहीं किए जाने का अनुरोध किया है। यूपी के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि अगर ऐसा किया गया तो सड़क से लेकर सदन तक उग्र आंदोलन किया जाएगा।
प्रदेश में शिक्षा विभाग ने एलटी ग्रेड शिक्षकों का बड़ी संख्या में स्थानांतरण किया है। जिले के मुनस्यारी तथा धारचूला विकास खंड के स्कूल पहले से ही शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त होने के कारण अव्यवस्थाओं का शिकार बने हुए है।
इन स्कूलों में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे विषयों के शिक्षकों के पद सैकड़ों की संख्या में रिक्त चल रहे है। अधिकांश स्कूलों में समान्य विषयों के शिक्षकों का दो दशकों से अता पता नहीं है। विधान सभा के एकमात्र मुनस्यारी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य तैनात है। जिसके पास खंड शिक्षा अधिकारी, उप खंड शिक्षा अधिकारी के पदभार अतिरिक्त दिए गए है।
शिक्षकों के बम्पर तबादलों से सीमांत के सभी स्कूल कहीं शिक्षक विहिन न हो जाय, उसकी चिंता पिथौरागढ़ से लेकर देहरादून तक देखी गई।
देहरादून में क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत को पत्र लिखकर बिना प्रतिस्थानी के सीमांत के स्कूलों से एक भी शिक्षक को कार्यमुक्त नहीं करने के लिए जिले के अफसरों को आदेशित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने सीमावर्ती तथा पर्वतीय क्षेत्रों के विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां से शिक्षा विभाग में शिक्षकों को बिना प्रतिस्थानी के कार्यमुक्त नहीं करने का शासनादेश जारी किया था, जो आज भी लागू है। जिसका अनुपालन अब सख्ती से नहीं हो पा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज पिथौरागढ़ में जिला अधिकारी तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि एक भी शिक्षक बिना प्रतिस्थानी के कार्यमुक्त किया गया तो गांव में शिक्षकों की मांग को लेकर आंदोलन होगा। सरकार इस आंदोलन की लपटों से झुलस जायेगी।
उन्होंने कहा कि चीन तथा नेपाल सीमा के स्कूलों में शिक्षक नहीं होंगे तो गांवों से पलायन की गति तेज होनी संभव है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीमांत के स्कूलों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
विधायक हरीश धामी तथा जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने शिक्षा बिभाग, प्रशासन तथा सरकार को स्थानांतरण सूचि के बाहर आते ही चौतरफ़ा घेर लिया है।
नेताद्धयो ने कहा कि सरकार तथा शिक्षा अधिकारी ने मनमानी की तो ऐसा आंदोलन होगा कि इतिहास भी उसे याद करेगा।