उत्तराखंड
अकेले कार चलाते समय भी मास्क लगाने का दिल्ली सरकार का आदेश बेतुका, हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, ‘यह आदेश अब भी मौजूद क्यों है?’ अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने एक ऐसी घटना साझा की, जिसमें मास्क नहीं पहने होने के कारण एक व्यक्ति का चालान किया गया था। दरअसल, वह व्यक्ति अपनी मां के साथ एक कार में बैठा हुआ था और गाड़ी की खिड़की के कांच ऊपर चढ़ा कर कॉफी पी रहा था।
दिल्ली सरकार के वकील ने 7 अप्रैल 2021 के फैसले का किया जिक्र
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि हाईकोर्ट का सात अप्रैल 2021 का वह फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था, जिसमें निजी कार अकेले चलाते वक्त मास्क नहीं पहने होने को लेकर चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘कोई व्यक्ति कार की खिड़कियों की कांच ऊपर चढ़ा कर वाहन के अंदर बैठा हुआ है और उसका 2,000 रुपये का चालान काट दिया जा रहा है। सिंगल पीठ का आदेश बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का आदेश जब जारी किया गया था तब स्थिति अलग थी और अब महामारी लगभग खत्म हो गई है।
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कोर्ट ने कहा-जब आदेश खराब था वापस क्यों नहीं ले लेते
पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता को जब यह याद दिलाया कि शुरूआती आदेश दिल्ली सरकार ने जारी किया था जिसे फिर सिंगल जज के समक्ष चुनौती दी गई थी, इस पर मेहरा ने कहा कि चाहे वह दिल्ली सरकार का आदेश हो या केंद्र का, यह खराब आदेश था और उस पर पुनर्विचार की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि वह आदेश खराब था तो आप उसे वापस क्यों नहीं ले लेते।
सिंगल बेंच का 2021 का आदेश उस वक्त आया था जब उन्होंने वकीलों की चार याचिकाएं खारिज कर दी थी, जिनके जरिए एक निजी गाड़ी अकेले चलाते वक्त मास्क नहीं पहने होने को लेकर चालान काटे जाने को चुनौती दी गई थी।