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उत्तराखंड

नैनीताल के पंत पार्क में पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था न होने पर सैलानी यूँ ज़मीन पर बैठने को मज़बूर। 

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नैनीताल।देश भर में विख्यात सरोवर नगरी में कोने कोने से हर वर्ष लाखो पर्यटक आते है। वही पर्यटक नगर के व्यवसाय का यह एकमात्र जरिया भी है। शासन प्रशासन पर्यटको को बेहतर सुविधा देने का दम्भ भी समय समय पर भरते रहते है। बावजूद इसके पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है। नैनीताल में सौंदर्यकरण के नाम पर लाखो करोड़ो रुपए नगर को संवारने पर खर्च भी किया जा रहा है, ताकी यहाँ की प्राकृतिक छटा के साथ पर्यटक नगर के सौंदर्य की यादें भी अपने साथ लेते जाये। परन्तु बिडंबना देखिए पर्यटको की पंसदीदा जगह पंत पार्क जहाँ दिनभर पर्यटक चहलकदमी करते है वहाँ के प्रवेश द्वार से लेकर नयना देवी मंदिर तक सैलानियों के बैठने के लिए एक मात्र बैंच तक नहीं है। अगर होगी भी तो उस पर फिलहाल फड कारोबारियों का कब्जा होगा या फिर….बहराल पर्यटक दिनभर पंत पार्क में टहलने के बाद थक कर बैठने की जगह तालशते है तो सच मानियेगा अगर आसपास रेलिंग खाली नहीं हुई तो आपको थक हार कर धरती मां की शरण ही लेनी पड़ेगी, जैसे गुजरात से सरोवर नगरी घूमने आये ये पर्यटक अपने परिवार के साथ ज़मीन पर बैठने को मज़बूर है,अब ये क्या सन्देश लेकर जायेंगे ये सब जानते है, पर जो भी हो इससे छवि तो हमारे नैनीताल की ही खराब हो रही हैं। बाबजूद इसके पालिका के जिम्मेदार लोग सरकारी गाड़ियों मे ठाट से बैठे दिन भर यहाँ से गुजरते रहते है, ऐंसा नहीं की इनसे इस बावत जानकारी नहीं ली। हमारे संवाददाता ने नगर पालिका ईओ अशोक कुमार वर्मा से पंत पार्क मे लगी बैंचो के विषय मे जानना चाहा तो उन्होंने जेई साहब को इसकी जानकारी होंगी बोले, जेई साहब से जानने की कोशिश की तो उन्होंने ईओ साहब को जानकारी की बात कहकर पल्ला झाड लिया, शर्म की बात तो तब हुई जब “अतिथि देवो भव:” की ये कहावत झूठी साबित हुई ज़ब परिवार के साथ ये पर्यटक यूँ ज़मीन पर बैठने को मज़बूर हुये हैं। ये तस्वीर नगर पालिका द्वारा पर्यटको को मिलने वाली सुविधाओं के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।

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