नैनीताल
नैनीताल के दीपक बिष्ट ने बनाई चिड़ियों के अद्भुत संसार पर डॉक्युमेंट्री फ़िल्म, ख़ास बात -चट्टान पर अबाबील के हज़ारों घोंसले।
नैनीताल के ताल चैनल के निदेशक दीपक बिष्ट द्वारा चिड़ियों के संसार पर 12 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाई गई है। जिसकी लॉन्चिंग पृथ्वी दिवस के अवसर उच्च प्राणी उद्यान के थियेटर में डीएफओ टीआर बीजूलाल द्वारा किया गया।
खुर्पाताल के समीप स्थित एक हजार फीट ऊंची चट्टान में स्थित नेपाल टाउन मार्टिन (अबाबील, गौतई) के एक अद्भुत संसार की खोज ताल चैनल के निदेशक दीपक बिष्ट द्वारा की गई है। जिसको अन्य लोगों तक पहुचाने के लिए दीपक बिष्ट व उनकी टीम द्वारा इस पर नेपाल टाउन मार्टिन नामक एक लघु डॉक्यूमेंट्री तैयार की है। जिसमें इस चिड़िया के संसार को बेहद खूबसूरत ढंग से दर्शाया गया है। जिसमें ऊंची चट्टान के बीच अबाबील के एक हजार से अधिक घोसलें है। घने जंगलों के बीच खड़ी चट्टान में स्थित इस अबाबील पक्षियों के सुंदर संसार की खोज करने के लिए दीपक बिष्ट ने काफी मेहनत की है। हालांकि , अभी खुर्पाताल की इस चट्टान में स्थित इस चिड़िया के संसार में लोगों के दखल को रोकने के लिए इसका नाम उजागर नही किया गया है।
खुर्पाताल के ग्राम प्रधान सुभाष कुमार ने बताया कि इस चिड़िया का आध्यात्मिक महत्त्व है और यह गौंतई चिड़िया गिछाई देवता की है। बताया की कई लोग इसको धन चिड़िया के नाम से भी जानते है। खुर्पाताल के स्थनीय लोगों का मानना हैं की जिस चट्टान में इन चिड़ियों का संसार बसा हुआ है वहां पर धन छिपा हुआ है। जिसके चलते चट्टान में लोगों के दखल को रोका गया है। बताया कि चट्टान घनघोर जंगल से घिरा हुआ है और वहां जंगली जानवर जैसे बाघ, सांप, अजगर, किंग कोबरा, हाथी व दुर्लभ प्रजाति के कई हिरन पाए जाते है। जहां सुरक्षा की दृष्टि से आम लोगों के जाने पर मनाही हैं।
वही डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया कि घने जंगलों के बीच इस चिड़िया के संसार को बर्ड वॉचर रेंज में विकसित करने के लिए उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। साथ ही इनको संरक्षित करने के लिए भी प्रयास किया जाएगा।
डॉक्यूमेंट्री लॉन्चिंग के दौरान डीएफओ बीजुलाल द्वारा ग्राम प्रधान सुभाष कुमार व छायाकार हिमांशु जोशी को सम्मानित भी किया गया।
इस डॉक्यूमेंट्री को पत्रकार सुनील बोरा द्वारा शूट किया गया हैं साथ ही इसमें आवाज हेमंत बिष्ट द्वारा दी गई ही वही पत्रकार दीपक कुमार, छायाकार हिमाशु जोशी द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री को शूट करने में विशेष योगदान दिया गया है।
इस दौरान रेंजर ममता चंद, जू रेंजर अजय रावत, उद्घोषक रजनी रावत मौजूद रहे।