उत्तराखंड
हल्द्वानी के दुकानदार और ट्रान्सपोर्ट कंपनी पर 25,25 हज़ार व मानसिक वेदना पर 10 हज़ार का जुर्माना।जानें क्या है मामला👇
खरीदे गये सामान को घर तक पहुंचाने का आश्वासन देकर न पहुंचाने के लिए
नैनीताल।गाम भराड़ी जिला बागेश्वर निवासी / व्यक्ति द्वारा हल्द्वानी स्थित एस० वी० फनीचर की दुकान से 3 आलमारिया जनवरी, 2018 में खरीदी गई थी। आलमारिया दीप ट्रान्सपोर्ट कंपनी, शॉप नंबर बीएसी-30, ट्रान्सपोर्ट नगर हल्द्वानी पंहुचाई गई जिसे उनके उनके द्वारा अपने ट्रक पर लदवा कर रवाना किया गया था। आलमारियो का बिल जो दुकानदार द्वारा क्रेता को दिया गया था, उसमें सामान को गंतव्य तक पंहुंचाने का खर्चा अलग से वर्णित नहीं किया गया था और ना ही ट्रान्सपोर्ट कंपनी द्वारा दी गई बिल्टी में किराया अंकित पाया गया । उक्त ट्रक दुर्घटना ग्रस्त हो गया था तथा परिवादी के समान का बीमा न होने के कारण उसे ट्रान्सपोर्ट कंपनी तथा दुकानदार द्वारा आलमारिया अथवा उसकी कीमत परिवादी को वापस अदा नहीं की गई। उक्त परिवाद में दोनों पक्षों की सुनवाई जिला उपभोक्ता आयोग, नैनीताल में की गई। आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल व सदस्या विजय लक्ष्मी थापा ने पक्षकारों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद अपने निर्णय में दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के व्यक्तियों द्वारा रों में आकर अपनी जरूरत को सामान खरीदने तथा अपने घर तक पहुंचाने के लिए उसे दुकान दार तथा ट्रान्सपोर्ट व्यवसायियों के पास छोड़ने की प्रचलित परम्परा तथा व्यवहार के आधार पर परिवादी के कथनों को स्वीकार कर लिया तथा ट्रान्सपोर्ट कम्पनी व दुकानदार की दलील को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उक्त आलमारियों का यदि परिवादी द्वारा बीमा नहीं करवाया गया था तो ट्रान्सपोर्ट कम्पनी उसे परिवादी के गंतव्य तक पंहुचाने के लिए अपने पास लेने से मना कर सकती थी। एक बार किसी व्यक्ति को यह विश्वास दिलाकर कि उसके द्वारा खरीदा गया सामान उसके घर तक पंहुचा दिया जायेगा बाद मे किन्ही परिस्थितियों में यदि वह उक्त सामान गंतव्य तक पंहुचानें में असफल हो जाते है तो वह अपनी ली गई जिम्मेदारी से पल्ला नही झाड़ सकते है। जिला उपभोक्ता आयोग ने दुकानदार तथा ट्रान्सपोर्ट कम्पनी के कृत्य को अनुचित व्यापारिक व्यवहार मानते हुए उन दोनों पर रू० 25,000/-, रू० 25,000/- हजार रूपये – अलग-अलग का जुर्माना लगाने के साथ ही दुकानदार को पीड़ित व्यक्ति को उसी कीमत की आलमारिया देने अथवा उसकी दी गई रकम वापस करने तथा ट्रान्सपोर्ट कम्पनी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति रू0 10,000/- वाद व्यय आदेश के डेढ़ माह (45 दिनों के भीतर अदा करने का आदेश पारित किया।।