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उत्तराखंड

नाथुवाखान में कृषि परियोजना के मार्ग को लेकर स्थानीय नेता पर दबंगई से काम रुकवाने का आरोप, प्रशासन से लगाई गुहार।

नैनीताल। नाथुवाखान क्षेत्र के ग्राम दाड़ीमा, परगना महरुड़ी में कृषि कार्य की उन्नत फसल के लिए डॉ.गायत्री कठायत पर्यायवरण इंजीनियर के द्वारा अपनी निजी जमीन पर परियोजना लगायी जा रही थी, जिसका रास्ता ग्रामीण मार्ग से होकर गुजरना है ,जिस पर स्थानीय नेता के द्वारा निजी मार्ग कहकर रास्ते को दुरुस्त करने का काम रुकवा दिया गया है।
नैनीताल निवासी चंदन सिंह कठायत की तरफ से जिलाधिकारी नैनीताल को एक पत्र सौंपा गया है ,जिसमें चंदन कठायत के द्वारा बताया गया है कि दाढ़ीमा महरौडी ग्राम में उनकी अपनी निजी 78 नाली भूमि धरी जमीन है जिसमें उनकी बेटी डॉ गायत्री कठायत पर्यावरण इंजीनियर के द्वारा एक कृषि परियोजना स्थापित करने की योजना है ,जिससे कि क्षेत्र का विकास व स्थानीय लोगों के पलायन पर विराम लग सके। पत्र के अनुसार उनकी जमीन को जाने वाला रास्ता गांव के सरकारी मार्ग से होकर गुजरता है ,क्योंकि उस मार्ग पर अत्यधिक मलवा पड़ा होने के कारण डॉ गायत्री कठायत के द्वारा जिला प्रशासन से अनुमति लेकर जेसीबी से मार्ग को साफ कर मलवा हटाने का कार्य किया जा रहा था ,जिससे कि उनका कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर उनकी जमीन तक पहुंच सके, जब यह सफाई का कार्य चल रहा था तो कठायत के अनुसार उस क्षेत्र के स्थानीय नेता ने वहां पर आकर काम रुकवा दिया ,उनका कहना है कि यह मार्ग ग्रामीणों के श्रमदान से बना है, जिसमें उनका निजी धन भी खर्च हुआ है, इसलिए वह इस मार्ग से किसी और को जाने का रास्ता नहीं दे सकते। डॉ. गायत्री कठायत ने आरोप लगाया है कि स्थानीय नेता के द्वारा ग्रामीणों को भ्रमित कर उनको बिल्डर बताकर उनके खिलाफ जनसमूह इकट्ठा किया जा रहा है साथ ही कठायत ने बताया कि उक्त रसूखदार व्यक्ति के द्वारा दोबारा काम करने पर जेसीबी को आग लगाने की धमकी भी दी गयी है।जो स्थानीय नेता की दबंगई की ओर इशारा करता है। गायत्री ने बताया कि उस दौरान उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को नेता के द्वारा कहा की वो किसी राजस्व को नहीं मानते और न ही किसी को भी दाढ़ीमा , गढ़गांव सड़क से लिंक रोड पर जाने के लिए अनुमति नहीं देंगे। जिस कारण क्षेत्र के विकास में स्थानीय नेता अवरोध पैदा कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि स्थानीय नेता निर्दलीय प्रत्याशी भी रहा चुके है। वैज्ञानिक डॉ.गायत्री कठायत ने बताया की अगर कृषि परियोजना शुरू होती है तो इसका प्रत्यक्ष फायदा क्षेत्रवासियों के साथ प्रदेश को होगा ,उनके द्वारा तैयार फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक होगी जो कि बहुत कम पानी मे अच्छे परिणाम देने की क्षमता रखती है। जिनसे की उनके द्वारा लगभग 100 टन का प्रोडक्शन होने की संभावना व्यक्त की है ,जो उत्तराखंड के साथ दिल्ली,मुंबई आदि बड़े महानगरों की मंडी में फल ,सब्जी इत्यादि को भेज सकते है, जिससे कि यहां के लोगो को रोजगार मिलेगा साथ ही काश्तकारों को लाभ व क्षेत्र प्रदेश की आर्थिक आय बढ़ेगी। डॉ. गायत्री ने बताया कि किस तरह अपने प्रभाव के बल पर स्थानीय  नेता ने मार्ग का काम रूकवा दिया गया है। जिसका विवरण पत्र के माध्यम से प्रशासन को सौंप दिया है व प्रशासन के द्वारा मदद का आश्वासन दिया गया है।

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