Sunday, April 21, 2024

कत्यूरी व चन्द वंश काल में लिखीं गयीं थी खड़ी होलियां, जानें कैसे गायीं जाती हैं खड़ी होली ।

रितेश सागर:

नैनीताल। सरोवर नगरी में युंगमंच द्वारा आयोजित 26 वें फागोत्सव के दौरान आमल एकादशी रंग धारण के दिन नयना देवी मंदिर प्रांगण में परम्परागत खड़ी होली का आयोजन किया गया ।उंसके पश्चात होल्यार जुलूस की शक्ल में रामसेवक सभा पहुंचे व होल्यार वंसन्त जोशी को सम्मानित किया गया।

नगर में रविवार को “लड़ी धुरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक समिति चंपावत’ बाराकोट “से पुरुष होली दल ने नयना देवी मंदिर प्रांगण में खड़ी होली की शानदार प्रस्तुति दी। होल्यारों ने “जय नैना कल्याण करो माई जय नैना कल्याण करो”, हरि आए मोर मुकुट धारी, लगी पिरीत कैसे तोड़ी मुख बोले कैसे सुंदर जोड़ी, शिव शकंर होली खेले सदा, जल कैसे भरु जमुना गहरी, अली धूम मची ब्रज कुंजन में, तुम जप लो सिया रघुनंदन को, सीता खोजन हनुमान चले………..

पारम्परिक होली के गीत गाकर मन मोह लिया। इस दौरान नयना देवी मन्दिर में आए पर्यटकों ने होली का जमकर लुफ़्त उठाया और ढोल मंजीरों की थाप पर झूम उठे साथ ही जमकर अबीर गुलाल एक दूसरे लगाया।
खड़ी होली मुख्यत आमल की एकादशी से आरंभ होती है,इस दिन गाँव के मंदिर में सर्वप्रथम अबीर गुलाल चढ़ाया जाता है फिर लोग अपने अपने माथे पर अबीर गुलाल का टीका लगाते हैं। खड़ी होली आम जन की होली है इसमें पद संचालन व लय को सामान्य जन पकड़ लेता है और उसमें शामिल हों जाता है ।खडी होली भी शुरू में भक्ति रस से आरंभ होती है और धीरे धीरे इसमें शृंगार रस की अधिकता बढ़ती जाती है व छलडी के दिन तो उसकी पराकाष्ठा ही हो जाती है।
संस्कृतिकर्मी डॉ. भुवन शर्मा बताते है कि आमलकी एकादशी या रंग एकादशी से लेकर छलडी तक गाँवों में प्रत्येक घर में जाकर खड़ी होली गायी जाती है ,और होल्यारों को आलू के गुटके, सूजी यदि खिलाई जाती है। ढोल , मंजीरे की थाप पर लय, ताल व ढोल के साथ होल्यारों का जोश देखते ही बनता है।
खड़ी होली दल नायक नागेन्द्र कुमार ने कहा कि खड़ी होली श्रृंगार रस, हास्य रस, करुण रस, व्यंग रस, वीर रस, स्वांग रस समेत हिंदी साहित्यों के तमाम रसों का समावेश होता है जिसे आनन्द और उन्माद के साथ गाया जाता है। उन्होंने बताया की कत्यूरी व चन्द वंश के राजाओं के समय उनके दरबारियों द्वारा यह होलियां लिखी गई थी। जिसके बाद उनमें महाभारत व रामायण की कथाओं को जोड़ कर गाया जाता है। खड़ी होली के दौरान बसंत बल्लभ जोशी, केदार दत्त जोशी, राकेश जोशी, रजनीश जोशी, मोहित जोशी, नवल जोशी, अंकित जोशी, उमेश जोशी, मनोज, सोनू, रजनी, प्रदीप सिंह ढेक आदि मौजूद रहें व ज़हूर अलाम ,राजीव लोचन साह, मिथिलेश पांडेय,नवीन बेगाना, भास्कर बिष्ट, हेमन्त बिष्ट, जितेंद्र , ब्रिजेश जोशी , हिमांशु पांडे मित्र , डीके शर्मा, अशोक आदि मौजूद रहें।

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